अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी की बुधवार को हुई मौत के बाद उनके शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह दी। उन्होंने शनिवार को बताया कि बडगाम पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन अबतक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
साथ ही पुलिस ने उस वीडियो का भी संज्ञान लिया, जिसमें सैयद अली शाह गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखा था। हालांकि जैसे ही पुलिस शव को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़ी, दिवंगत अलगाववादी नेता के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया। 91 साल के सैयद अली शाह गिलानी की लंबी बीमारी के बाद बुधवार रात अपने घर में ही मौत हो गई थ। उनके शव को पास के ही एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया।
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पाकिस्तान समर्थक सैयद अली शाह गिलानी के निधन के साथ ही कश्मीर में भारत-विरोधी और अलगाववादी राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया। जम्मू-कश्मीर में तीन दशकों से अधिक समय तक अलगाववादी मुहिम का नेतृत्व करने वाले गिलानी का जन्म 29 सितंबर 1929 को बांदीपुरा जिले के एक गांव में हुआ था। उन्होंने लाहौर के ओरिएंटल कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की। जमात-ए-इस्लामी का हिस्सा बनने से पहले उन्होंने कुछ साल तक एक शिक्षक के तौर पर नौकरी की।