रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में आखिरकार वही हुआ जिसका अंदेशा पहले से ही लगाया जा रहा था। बीजेपी के दिग्गज नेता सरयू राय ने पार्टी से बगावत कर दी है। उन्होंने रविवार को जमशेदपुर में मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया। ऐन चुनाव से पहले भाजपा को जोर का झटका देने वाले पूर्व मंत्री सरयू राय को विपक्षी दल हाथों हाथ ले रहे हैैं।
इस बीच सीएम रघुवर दास ने भी जमशेदपुर में कैंप कर दिया है। वह सोमवार को नामांकन की आखिरी तारीख को जमशेदपुर पूर्वी सीट से पर्चा दाखिल करेंगे। इससे पहले लगातार बदलते घटनाक्रम में सरयू राय ने बीजेपी का टिकट लेने से भी मना कर दिया था। इधर सरयू के रुख और सीएम की सीट पर दावेदारी से भाजपा में हड़कंप मचा है। राय के कदम से सकते में दिख रहे भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध ली है।
इधर कांग्रेस ने भी बीती रात एकाएक जमशेदपुर पूर्वी सीट से प्रो. गौरव बल्लभ को उतारकर माहौल को और गरमा दिया है। महागठबंधन में कांग्रेस के रुख से झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन सकते में हैं। उन्होंने तमाम विपक्षी दलों से सरयू राय का समर्थन करने की अपील की है।
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जमशेदपुर में सरयू राय ने कहा कि हमारी परंपरा यही है कि हम सब मिलकर फैसला लेते आए हैं। विधानसभा चुनाव की इस घड़ी में बताना चाहता हूं कि जमशेदपुर पश्चिमी सीट का विधायक होने के नाते पूरी निष्ठा से काम किया है। पिछड़े इलाके का पूरा विकास का बीड़ा उठाया है। सबके सुख-दुख में हम साथ रहे हैं।
सरयू ने कहा कि उन्होंने पार्टी से आज तक कुछ नहीं मांगा। उनका टिकट होल्ड पर रखे जाने से बहुत बुरा लगा। उन्होंने कहा कि वे सरकार में पांच साल कैबिनेट मंत्री रहे। जहां गलत हुआ, उन्होंने खुलकर इसका विरोध किया। समर्थकों की नारेबाजी के बीच कहा कि गलत करने वाला वहीं जाएगा, जहां मधु कोड़ा गए थे। प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का जिक्र करते हुए कहा कि यही बात वे करते हैं, तो लोगों को बुरा लगता है।
भाजपा नेता सरयू राय भले ही अपने दल के खिलाफ खड़े हो गए हैैं, लेकिन तमाम विपक्षी पार्टियां उन्हें लपकने को आतुर है। झामुमो ने भी उनके सम्मान के बारे में चिंता करते हुए कहा कि सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले को इस तरह से टिकट से वंचित करना चिंताजनक है। झामुमो के महासचिव व सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने यहां तक कह दिया कि भ्रष्टाचार के संरक्षक मुख्यमंत्री रघुवर दास के भ्रष्टाचार को सरयू राय हमेशा उठाते रहे हैैं। इसकी को आधार मानकर उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि टिकट देना या नहीं देना भाजपा का अंदरूनी मामला है।
सरयू राय ने विभिन्न विभागों के घोटालों का भी पर्दाफाश किया। यही वजह है कि वे टारगेट पर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की यही नीति है। भ्रष्टाचार पर बोलने वाले दल से बाहर निकाले जाते हैैं और घोटाला करने वालों, हत्या करने वालों को पार्टी टिकट देती है। दावा किया कि झामुमो की सरकार बनी तो सभी घोटालों का जांच होगी और छह माह के भीतर सारे घोटालेबाज जेल के भीतर होंगे।