UPTET

UPTET 2021 के प्रमाण पत्र जारी करने पर HC ने लगाई रोक

317 0

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीईटी 2021 (UPTET 2021) के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से जानकारी मांगी है कि बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक नियुक्त करने के संबंध में एनसीटीई ने कोई नई अधिसूचना जारी की है या नहीं।

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने प्रतीक मिश्र व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना में बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य माना गया है लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट से यह अधिसूचना रद्द होने के बाद कोई नई अधिसूचना जारी की गई है या नहीं।

याचिका में टीईटी 2021 के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसके अलावा बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए नियुक्त करने से रोकने की भी मांग की गई है। कहा गया है कि बीएड डिग्रीधारक पूर्व में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य नहीं थे। बाद में एनसीटीई ने 28 जून 2018 को अधिसूचना जारी कर कुछ योग्यता हासिल करने के बाद बीएड अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य करार दिया। इस अधिसूचना को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

रेलवे में निकली ट्रेड अप्रेंटिस पदों के लिए भर्तियां, ऐसे करें आवेदन

राजस्थान हाईकोर्ट ने उक्त अधिसूचना को गैरकानूनी करार देते हुए रद्द कर दिया। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि बीएड डिग्रीधारक कक्षा एक से पांच तक के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त होने के योग्य नहीं हैं।

राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिसूचना को अवैधानिक घोषित करते हुए कहा कि अधिसूचना केंद्र सरकार के शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 23(2 ) के तहत अधिकार का उपयोग कर जारी नहीं की गई है। केंद्र सरकार को एनसीटीई की ओर से निर्धारित योग्यता को शिथिल करने का अधिकार है।

याचियों का कहना था कि टीईटी 2021 का परिणाम घोषित किया जा चुका है और अब प्रमाण पत्र जारी किए जाने हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने टीईटी का परिणाम जारी करने से पूर्व राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर विचार नहीं किया। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने स्वीकार किया कि अधिसूचना रद्द की जा चुकी है और यदि एनसीटीई की ओर से कोई नई अधिसूचना जारी की जाएगी तो उस पर विचार किया जाएगा। कोर्ट ने इस मुद्दे पर जानकारी मांगते हुए  मामले पर सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख लगाई है। साथ ही कहा है कि अगली सुनवाई तक कोई भी प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।

यूपी पंचायती राज विभाग में निकली वैकेंसी, ऐसे होगा सलेक्शन

Related Post

Constable Recruitment

पुलिस भर्ती: बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही अभ्यर्थियों को मिलेगी परीक्षा केंद्र में एंट्री

Posted by - August 22, 2024 0
लखनऊ : योगी सरकार ने प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी यूपी पुलिस भर्ती की परीक्षा (Constable Recruitment Exam) को…
Kerala

केरल में छात्रों के साथ बड़ा खेल, प्रश्न पत्र के बजाय बाट दी उत्तर कुंजी

Posted by - April 27, 2022 0
तिरुवनन्तपुरम: केरल विश्वविद्यालय (Kerala University) में फरवरी में बीएससी इलेक्ट्रॉनिक्स (BSc Electronics) के चौथे सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा बिना…