लखनऊ। कोरोनावायरस से निपटने की तैयारी मामले में हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के जवाब से अंतोष जाहिर किया है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को इसके रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी।
कोरोना मामले में अब हाईकोर्ट ने एक हफ्ते बाद मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा
इस मामले में अब हाईकोर्ट ने एक हफ्ते बाद मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा है। बता दें हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में कोरोना से बचाव के सरकारी प्रयासों पर पीआईएल दाखिल हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले 15 जिलों के सरकारी अस्पतालों के सीएमओ से कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए किये जा रहे उपायों पर मंगलवार को स्टेटस रिपेार्ट तलब की थी।
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कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि आज रिपोर्ट नहीं पेश की जाती तो प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, निदेशक स्वास्थ्य एवं सरकारी अस्पतालों के सीएमओ को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना होगा। कोर्ट ने पूछा था कि अब तक कोविड 19 से पीड़ित कितने मामले सामने आये हैं? और क्या उन्हें आब्जर्वेशन में रखकर उनका सैम्पल लिया गया है?
याचिकाकर्ताओं के वकील डॉक्टर वीके सिंह के मुताबिक एयरपोर्ट एवं अन्य जगहों पर कोरोना पीड़ितों की स्क्रीनिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं
यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करूणेश सिंह पवार की बेंच ने संदीप कुमार ओझा व अन्य की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ताओं के वकील डॉक्टर वीके सिंह के मुताबिक एयरपोर्ट एवं अन्य जगहों पर कोरोना पीड़ितों की स्क्रीनिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। यहां तक कई बार कोरोना के संदिग्धों को जांच के लिए इधर-उधर दौड़ाया जाता है।
हाईकोर्ट ने एडवाइजरी को पूरी तरह लागू करने का आदेश
हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से जारी एडवाइजरी को पूरी तरह लागू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एयरपोर्ट के साथ-साथ शहर में डॉक्टर्स और पैरामेडिक्स की टीम के अलावा कोरोना की जांच के लिए पर्याप्त मात्रा में थर्मल स्कैनर और इंफ्रारेड थर्मामीटर भी उपलब्ध कराने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिये हैं।