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पर्यावरण परिवर्तन ख़तरनाक संकेत, आठ करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य : नीतीश

पर्यावरण परिवर्तन ख़तरनाक संकेत

पर्यावरण परिवर्तन ख़तरनाक संकेत

पटना। जल, जीवन व हरियाली के साथ सामाजिक कुरीतियाें के प्रति लोगाेें को जागरूक करने के उद्देश्य से रविवार को बिहार में 16 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृृंखला में बनायी गयी। इस मानव श्रृंखला में साढ़े चार करोड़ से अधिक लोगों ने भागीदारी की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला का लक्ष्य पूरा होने की घोषणा की। आरा में भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य आरके सिन्हा भी मानव श्रृंखला की कड़ी बने।

रविवार को गांधी मैदान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों ने भाग लिया। दिन में 11.30 पर पर शुरू हुये आयोजन में पूरे बिहार के लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ कर रिकार्ड लंगी मानव श्रृंखला बनायी। गांधी मैदान पर मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी, जल पुरूष राजेंद्र सिंह के अलावा मंत्री, विधायक, पदाधिकारीगण और समाज के हर तबके के लोग पूरे जोश ख़रोश के साथ आधा घंटा तक खड़े रहे।

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इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मानव श्रृंखला का लक्ष्य हासिल लिया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति सजग रहने के लिये बिहार के लोगों ने पूरी दुनिया अपना दम दिखा दिया। मुख्यमंत्री ने मानव श्रृंखला में रिकार्ड भागीदारी करने के लिये बिहारवासियों को धन्यवाद देते हुये कहा कि पर्यावरण में परिवर्तन ख़तरनाक संकेत हैंं। उन्होंने इससे निपटने के लिये आठ करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य है। पर्यावरण बचाने के लिये लगातार काम चलता रहेगा।

भोजपुर के आरा शहर के रमना मैदान में आयोजित मानव श्रृंखला में भाजपा के राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा शामिल हुए।राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार की पहल पर जल संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला से देश और दुनिया में सकारात्मक संदेश गया है।

पूरे बिहार के गांव की गलियों, क़स्बा, पुल, पुलिया और नदी किनारों से लेकर महानगरों तक की जनता ने इस मानव श्रृंंखला में भागीदारी कर 16 हज़ार किलोमीटर से अधिक लम्बी श्रृंखला बनायी। इसमें स्कूली छात्र-छात्राओं, विभिन्न सामाजिक संगठनों, अधिकारियों, कर्मचािरयों ने भाग लिया। पूरी मानव श्रृृंखला की विभिन्न स्थानों पर फ़ोटोग्राफ़ी और वीडियोग्राफ़ी भी करायी गयी। प्रशासन ने मानव श्रृृंखला की वीडियोग्राफी के लिये हेलीकॉप्टर और ड्रोन का भी प्रयोग किया गया।

सूत्रों का दावा है कि यह मानव श्रृृंखला एक विश्व रिकॉर्ड बन सकती है, जिसमें साढ़े चार करोड़ लोगों ने 16 हज़ार किमी से अधिक लम्बी क़तार का निर्माण किया। संभावना है कि देर शाम तक पूरे राज्य का आकलन करने के बाद सरकार इस संबंध में कोई घोषणा कर सकती है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 2017 और 2018 में भी नशाबंदी और दहेज प्रथा जैसी समाजिक कुरीतियाेंं को लेकर मानव श्रृंखला बनाई गई थी।

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