लखनऊ डेस्क। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में सम्पूर्ण भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक का बच्चों को एक जिम्मेदार और आदर्श नागरिक बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। गुरु का हर एक के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है।
ये भी पढ़ें :-Ganesha Chaturthi 2019: गणेश चतुर्थी का त्योहार इन गानों के बिना अधूरा है
आपको बता दें शिक्षक दिवस की धूम पूरे भारत में देखने को मिलती है। माता-पिता के बाद गुरु ही होते हैं जो आपको सही मार्ग दिखाते हैं और कैसे उस पर आगे बढ़ते हुए सफलता प्राप्त होगी, ये बतलाते हैं। पुराने समय में गुरुकुल जाकर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती थी। शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
ये भी पढ़ें :-Ganesha Chaturthi 2019: गणेश चतुर्थी का त्योहार इन गानों के बिना अधूरा है
जानकारी के मुताबिक डॉ. राधाकृष्णन से जब उनके कुछ दोस्तों और विधार्थियों ने उनके जन्मदिन का आयोजन करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा, ‘कि आप सब मेरे जन्म दिन को मनाना चाहते हैं ये बहुत ही खुशी की बात है लेकिन अगर आप मेरे इस खास दिन को शिक्षकों द्वारा किए गए शिक्षा के क्षेत्र में योगदान, समर्पण और उनकी मेहनत को सम्मानित करते हुए मनाएं तो मुझे और ज्यााद प्रसन्नता होगी। उनके इसी इच्छा को ध्यान में रखते हुए सन् 1962 से हर साल 5 सितम्बर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।