संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले ही भारतीय नेताओं, पत्रकारों और कारोबारियों के फोन हैकिंग का एक बड़ा मुद्दा सामने आया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा दावा किया गया है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत के लोगों के फोन हैक किए गए थे। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में सरकार से तीखे सवाल पूछे कि क्या फोन हैकिंग के लिए पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल हैकिंग है “अधिकृत इंटरसेप्शन” या टैपिंग नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि हैकिंग एक अपराध है, फिर चाहे यह किसी व्यक्ति न की हो या फिर सरकार ने। ओवैसी ने कहा कि सरकार बताए कि क्या उसने एनएसओ स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया? क्या आपने न्यूज रिपोर्ट्स में लिए गए नामों को इसके दायरे में लिया था या नहीं?
इजरायली सॉफ्टवेयर के जरिए भारत में नेताओं एवं पत्रकारों के फोन हैक, सरकार पर जासूसी का आरोप
इससे पहले अक्टूबर 2019 में भी पेगासस स्पाईवेयर के जरिये व्हाट्सऐप की हैकिंग की गई। व्हाट्सऐप चैट को इसके जरिये आसानी से पढ़ा जा सकता है। इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सरकार जवाब देने की बजाय व्हाट्सऐप से से पूछ रही है कि कैसे सेंध लगाई गई। तत्कालीन आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि व्हाट्सऐप से पूछा गया कि किस तरह का उल्लंघन हुआ और वो करोड़ों भारतीयों की प्राइवेसी की सुरक्षा किस पैमाने पर कर रही है।