मऊ। जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लगभग 1 साल से बंद प्राथमिक विद्यालय (Primary School) आज खुल गए हैं। बच्चों के आगमन को लेकर के विद्यालय में काफी उत्सव का माहौल है। शिक्षकों ने पूरे विद्यालय परिसर को सजाया है। साथ ही बच्चों का धूमधाम से स्वागत किया जा रहा है। जनपद के रकौली प्राथमिक विद्यालय (Primary School) पर शिक्षकों ने बच्चों को गुलाब देकर के स्वागत किया।
11 माह बाद प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को खोल गया
कोरोना काल के दौरान बंद हुए प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को 11 माह बाद खोल दिया गया है। शासन के निर्देश के अनुसार संत कबीर नगर जिले में भी सोमवार से कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय खुले। वहीं बच्चों की खिलखिलाहट से स्कूल गुलजार हो उठे। छात्र- छात्राओं के स्वागत के लिए अध्यापकों ने बड़ी ही उत्सुकता के साथ तिलक और चंदन लगाकर स्कूल आने के लिए छात्र-छात्राओं का स्वागत किया। कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी छात्र छात्राएं ऑफलाइन शिक्षा ग्रहण करेंगे।
संत कबीर नगर जिले में 12 फरवरी से कक्षा 5 से लेकर 8 तक के विद्यालय सरकार द्वारा खोलने का निर्देश जारी किया गया था। वहीं आज से कक्षा 1 से पांच तक के सभी विद्यालयों को खोलने का निर्देश जारी किया गया है, जिसके बाद संत कबीर नगर जिले के सभी विद्यालयों को खोल दिया गया है।
विद्यालय (Primary School) खुलने से एक बार फिर से सरकारी विद्यालयों में रौनक लौट आई है। पठन-पाठन का कार्य शुरू होते ही सभी सरकारी विद्यालय छात्र-छात्राओं से गुलजार हो उठे हैं। बच्चों को स्कूल में आने के लिए जिले के सरकारी शिक्षकों ने तिलक और पुष्प वर्षा करते हुए छात्र छात्राओं का विद्यालय में पहुंचने के लिए स्वागत किया।
इस दौरान छात्रों ने कहा कि अब तक हम ऑनलाइन शिक्षा के जरिए शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, लेकिन अब स्कूल में सीधे पहुंचकर शिक्षा ग्रहण करते हुए अपने अध्यापकों से सवाल जवाब कर सकते हैं. जिससे शैक्षिक स्तर और भी बेहतर होगा। विद्यालय खुलने से छात्र-छात्राओं में खासा उत्साह देखा गया।
सरकारी विद्यालय बुद्धा के प्रधानाचार्य विनोद यादव ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार आज से एक से पांच तक के विद्यालय खोले गए हैं। स्कूल पर छात्र छात्राओं के पहुंचने से एक बार फिर से पुराना माहौल लौट आया है। अभी तक छात्र छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा की माध्यम से शिक्षित किया जा रहा था लेकिन बच्चे सीधे स्कूल पर पहुंचे शिक्षकों से जुड़ेंगे। उनका शैक्षिक स्तर और बेहतर होगा। छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन करने के लिए बच्चों को तिलक लगाकर विद्यालय में पहुंचने के लिए उनका स्वागत किया गया है।