Smart City

इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों में सरल हुई यातायात व्यवस्था

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लखनऊ। केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) के तहत लगभग 10 हजार करोड़ रुपये से उत्तर प्रदेश के शहरों को स्मार्ट बनाने का कार्य चल रहा है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि बीते 6 साल में प्रदेश के शहरों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कई उल्लेखनीय काम हुए हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि जलापूर्ति, विद्युत आपूर्ति, सीवरेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता, सुगम परिवहन, सड़क, पार्किंग, स्ट्रीट लाइट, आईटी, कनेक्टिविटी, डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और पर्यावरण को लेकर योगी सरकार की ओर से किये गये लगातार प्रयासों ने उप्र के शहरों का कायाकल्प कर दिया है।

10,124 करोड़ रुपये की 542 परियोजनाएं

उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के शहर न सिर्फ मूलभूत सुविधाओं के मामले में अपग्रेड हुए हैं, बल्कि नगरों की स्वच्छता का ग्राफ भी हाई हुआ है। आगरा और वाराणसी देश के टॉप 10 स्वच्छ शहरों में शामिल हैं। इसके अलावा टेक्नोलॉजी के जरिए शहरों की सुरक्षा को भी पुख्ता करने में काफी मदद मिली है।

प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश के शहरों को स्मार्ट (Smart City) बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से 10,124 करोड़ रुपये की 542 परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें से भी 4757 करोड़ रुपये के 343 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 199 कार्य तेज गति से पूरे किये जा रहे हैं। इसमें भी 2000 करोड़ की लागत से प्रदेश के 10 शहर, आगरा, अलीगढ़, बरेली, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर और वाराणसी में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को एक्टिवेट किया गया है।

शहरों को सुरक्षित रखने में मददगार आईसीसीसी

2019 के प्रयागराज कुंभ और उसके बाद कोविड काल में अपनी उपयोगिता सिद्ध कर चुके आईसीसीसी अब प्रदेश के शहरों को सुरक्षित रखने में मददगार बन रहे हैं। आईसीसीसी के जरिए शहर भर में लगे हाई डेफेनिशन कैमरों की मदद से पूरे नगर की निगहबानी आसान हुई है।

इसके जरिए ना सिर्फ स्वच्छता के रियल टाइम अपडेट मिल रहे हैं, बल्कि हाल के वर्षों में अपराधों के खुलासे और अपराधियों की धरपकड़ के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से पुलिस को सबसे ज्यादा मदद मिली है। यही नहीं, योगी सरकार ने अब 28 करोड़ की लागत से प्रदेश स्तर पर भी क्लाउड आधारित स्मार्ट सिटी सेंट्रल डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है, जहां से राज्य के सभी बड़े शहरों की मॉनीटरिंग हो रही है।

इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से यातायात प्रबंधन में मिली मदद

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों में यातायात प्रबंधन के मोर्चे पर काफी मदद मिल रही है। सड़कों पर बेवजह गाड़ी रोकना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, रेड लाइट जंप करना, बिना हेलमेट के चलना, ओवरस्पीडिंग करने पर आईटीएमएस के जरिए ही निगरानी और कार्रवाइयां हो रही हैं।

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प्रदेश के 10 शहरों में आईटीएमएस के जरिए मिल रहे उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार अब प्रदेश के सात अन्य शहरों को भी आईटीएमएस की सुविधा से लैस करने में जुटी हुई है। इसमें अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, मेरठ और शाहजहांपुर में 271 करोड़ की लागत से इटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम बनाने का काम चल रहा है। इसके अलावा इन सातों शहर में 253 करोड़ की लागत से स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट रोड, स्मार्ट क्लास और हरित शवदाहगृह का निर्माण भी जारी है।

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