Site icon News Ganj

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज चेलमेश्वर का बड़ा बयांन

मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस चेलमेश्वर बयां जारी करते हुए कहा है कि,अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विधायी प्रक्रिया से कोर्ट के फैसले को बदला भी जा सकता है। इसके कई उदाहरण पहले भी सामने आ चुके हैं।अगर अदालत में मामला विचाराधीन है तो भी सरकार राम मंदिर बनाने के लिए कानून बना सकती है।

रिटायर्ड जस्टिस चेलमेश्वर शुक्रवार को कांग्रेस से जुड़े संगठन ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।वही उन्होंने ये बयां दिया। जस्टिस चेलमेश्वर से पूछा गया था कि क्या मौजूदा हालात में सरकार राम मंदिर के लिए कानून पारित कर सकती है तो इस पर उन्होंने कहा कि इसका एक पहलू है कि कानूनी तौर पर ये संभव है। दूसरा है कि ये होगा या नहीं। ऐसे कई मामले हैं जो पहले हो चुके हैं, इनमें विधायी प्रक्रिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले में रुकावट पैदा की थी।

गौरतलब है कि आरएसएस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा था कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से हिंदू समाज अपमानित महसूस कर रहा है। कोर्ट ने कहा था कि यह मुद्दा उनकी प्राथमिकता में नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ परिवार को राम मंदिर के लिए 1992 की तरह आंदोलन करने में कोई हिचक नहीं होगी, लेकिन तब तक विवाद सुप्रीम कोर्ट में है, इस पर रोक रहेगी।

इसे भी पढ़ें : अयोध्या विवाद : 1992 जैसा आन्दोलन करेंगे -आरएसएस 

बताते चलें कि जस्टिस चेलमेश्वर जनवरी 2018 में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों में शामिल थे। तब सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार सार्वजनिक तौर पर जजों ने तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।

Exit mobile version