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राज्यपाल का अभिभाषण ‘विकसित उत्तराखंड’ का रोडमैप है: मुख्यमंत्री

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देहारादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami)  ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य को लेकर जो भी रोडमैप रखा है। उसपर राज्य सरकार प्राथमिकता से कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, प्रदेश के विकास में समर्पित होकर नवाचार के साथ आगे बढ़ेगी।

उन्होंने (CM Dhami) कहा उत्तराखंड राज्य अपनी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है। राज्य की विकास यात्रा अनवरत जारी रहे, इसके लिए बजट में प्रावधान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार हर दृष्टि से उत्तराखंड को आगे बढ़ा रही है।

कहा (CM Dhami) कि राज्य में 38वे राष्ट्रीय खेल सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं। जो हमारे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। देश में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने का सौभाग्य हमारे राज्य को प्राप्त हुआ है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है।

बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। उत्तराखंड द्वारा लिए जा रहे अनेक ऐतिहासिक निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श उदाहरण बन रहे हैं। आज उत्तराखंड भारत का श्रेष्ठ राज्य बनने की ओर अग्रसर है। हमारा संकल्प है कि हम उत्तराखंड को भारत सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जन भावनाओं के अनुरूप ही कार्य करेगी। उन्होंने कहा पक्ष विपक्ष सभी ने मिलकर सदन को चलाना है। सदन सही प्रकार से चले यह सबकी जिम्मेदारी है।

भाजपा ने राज्यपाल के अभिभाषण का स्वागत करते हुए विकसित राज्य निर्माण की संकल्पूर्ति वाला बताया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, इस दौरान विपक्ष का दुर्भाग्यपूर्ण रवैया, उनकी सत्र को लेकर नकारात्मक मंशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा, बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण से स्पष्ट हुआ कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ऐतिहासिक विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं के स्वर्णिम युग में आगे बढ़ रहा है।

अभिभाषण में आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार की प्राथमिकताओं का उल्लेख किया। जिसमें मातृशक्ति, युवा वर्ग और पूर्व सैनिकों की अहम भूमिका है। इसमें हमारी सरकार ने स्पष्ट किया कि सभी वर्गों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड एक एक सशक्त और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर है।

इसमें प्रदेश की आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण और अवस्थापना विकास के ऐतिहासिक प्रयासों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने अभिभाषण के दौरान विपक्ष के हंगामे को संवैधानिक परंपराओं का अपमान बताया। जिन तमाम मुद्दों को लेकर कांग्रेस विधायक विरोध कर रहे थे, उनपर चर्चा करने का सबसे बेहतर मंच सदन ही है।

लेकिन उनका पूरा ध्यान हो हल्ला मचाने और मीडिया सामने फोकस होने पर था। जबकि सच यह है कि पूरी कांग्रेस पार्टी मुद्दाविहीन और विचारहीन है। यही वजह है कि उनके पास सदन के अंदर कुछ भी ठोस तर्क या तथ्य कहने के लिए नहीं है। कांग्रेस जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका को निभाने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है। जब जनता के लिए सड़कों और जमीन पर काम करना होता है तो इनके नेता पत्रकार वार्ता तक सिमटे रहते हैं। वहीं जब सदन में जनता की आवाज उठाने का अवसर होता है तो हंगामा कर संवैधानिक प्रक्रिया को बाधित करती है।

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