नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस मुरलीधर के तबादले को लेकर गुरुवार को राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनके तबादले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर जस्टिस लोया को याद किया। जिस पर सरकार की तरफ से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि पार्टी ने एक बार फिर दिखाया है कि वह न्यायपालिका का कितना सम्मान करती है? उन्होंने बताया कि उनके तबादले की सिफारिश 12 फरवरी को ही की जा चुकी थी।
The Party, which is the private property of one family, has no right to lecture about objectionable speeches. The family & it’s cronies have routinely used the harshest words against the Courts, the Army, the CAG, the PM and the people of India.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 27, 2020
कांग्रेस ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह न्यायपालिका का कितना सम्मान करती है?
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक नियमित स्थानांतरण का राजनीतिकरण करके, कांग्रेस ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह न्यायपालिका का कितना सम्मान करती है? भारत के लोगों ने कांग्रेस को नकार दिया है और यही वजह है कि वह लगातार हमले करके संवैधानिक संस्थानों को तबाह करने पर अमादा है।
केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि क्या राहुल गांधी खुद को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझते हैं?
केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि क्या राहुल गांधी खुद को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझते हैं। उन्होंने कहा कि लोया के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी तरह से सुलझा लिया है। सवाल उठाने वाले लोग विस्तृत तर्कों के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान नहीं करते हैं। क्या राहुल गांधी खुद को शीर्ष अदालत से भी ऊपर समझते हैं?
जस्टिस मुरलीधर का तबादला निश्चित ही दुखद और शर्मनाक : कांग्रेस
प्रसाद ने कहा कि हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता का करते हैं सम्मान
प्रसाद ने कहा कि हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता करने में कांग्रेस का रिकॉर्ड, आपातकाल के दौरान सर्वोच्च अदालत के जजों को निकालने से सभी अवगत हैं। वे तभी आनंदित होते हैं जब निर्णय उनकी पसंद का हो अन्यथा संस्थानों पर ही सवाल उठा देते हैं।’
कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए मंत्री ने कहा कि पार्टी ने अदालत, सेना के खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी जो एक परिवार की निजी संपत्ति है उसे भड़काऊ भाषणों पर टिप्पणी करने की जरुरत नहीं है। परिवार और उसके साथियों ने अदालतों, सेना, कैग, प्रधानमंत्री और भारत के लोगों के खिलाफ नियमित रूप से कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है।