लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या (Deputy CM Keshav Maurya) के खिलाफ कौशाम्बी में चल रहे चार मुकदमे राज्य सरकार ने वापस लिए हैं। इसमें कई मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज थे। यह खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर को एक आरटीआई के तहत एसपी कौशाम्बी कार्यालय द्वारा दी गई है।
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आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने कहा है कि एसपी कौशाम्बी कार्यालय द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार राज्य सरकार ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Maurya)के विरुद्ध कौशाम्बी जिले में दर्ज 4 मुकदमें वापस लिए हैं। नूतन ठाकुर ने बताया कि सूचना के अनुसार मौर्य पर जिले में कुल 8 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें गुंडा एक्ट का 1 मुक़दमा ख़ारिज हो चुका है, जबकि हत्या के 1 मुकदमे में मौर्य दोषमुक्त हो चुके हैं।
सरकार ने ये मुकदमे लिए वापस
नूतन ठाकुर ने बताया कि इसके अतिरिक्त 01 मार्च 2017 से अब तक डिप्टी सीएम के विरुद्ध 4 मुकदमे सरकार वापस ले चुकी है। इनमें से एक मुक़दमा धार्मिक विद्वेष फैलाने, एक ठगी एवं कूटरचित अभिलेख बनाने, एक दंगा, बलवा व सरकारी काम में बाधा डालने और एक मुक़दमा हत्या के आरोपों से संबंधित है. आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार बलवा से संबंधित 2 मुकदमों की स्थिति ज्ञात नहीं हो सकी है।
राजनीतिक विद्वेष से दर्ज मुकदमे हुए वापस
योगी सरकार में कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सदन में यह बात कही थी कि राजनीतिक विद्वेष के अंतर्गत जिन लोगों के विरुद्ध भी किसी भी प्रकार के मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें सरकार वापस लेने का काम करेगी और जो मुकदमे वापस हुए हैं यह भी उसी आधार पर वापस लिए गए हैं।
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एसपी कौशाम्बी कार्यालय ने पूर्व में नूतन को सूचना दी थी कि डिप्टी सीएम मौर्य(Deputy CM Keshav Maurya) के खिलाफ कौशाम्बी जिले में 5 मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन हैं, जिसके बाद यह संशोधित सूचना प्रदान की गई है। आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ने कहा कि सरकार द्वारा इतने गंभीर मामलों में मुकदमे वापस लिया जाना अत्यंत चिंताजनक है।