लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर गुरुवार को समाजवादी छात्रसभा के कार्यकर्ता हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर प्रदर्शन रहें हैं। बता दें कि बिना अनुमति प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हटाने पुलिस पहुंची है।
प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने निर्दोष लोगों को मारा है। छात्रों नेताओं का आरोप है कि CAA व NRC के विरोध में बीते दिनों राजधानी लखनऊ में हुए प्रदर्शन में जिन लोगों की मौत हुई है उसकी जिम्मेदार मौजूदा सरकार है। हजरतगंज में प्रदर्शन कर रहे समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर इको गार्डेन ले जाया गया । सपा कार्यकर्ता अचानक चौराहे पर पहुंच गए थे और पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी थी।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA)के विरोध में राजधानी में 19 दिसंबर को हुए उग्र प्रदर्शन करने वाले 46 उपद्रवियों की जारी की सूची तैयार कर ली गई है। इस सभी उपद्रवियों ने परिवर्तन चौक पर संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। तकरीबन दो करोड़ 54 लाख से अधिक रुपये की संपत्ति के नुकसान का आकलन किया गया है। एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत ने प्रशासन को ऐसे 46 उपद्रवियों की सूची सौंप दी है, जिनसे रिकवरी की जाएगी।
एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक उपद्रवियों की पहचान के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में होर्डिंग्स लगाई जा रही हैं। लोगों से उपद्रवियों की पहचान करने की अपील की गई है। राजधानी पुलिस ने गुरुवार को विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के साथ बैठक भी की।
35 वाहनों को किया था आग के हवाले
बता दें, राजधानी के चार थाना क्षेत्रों हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज और हसनगंज में उपद्रवियों ने 19 दिसंबर को तोडफ़ोड़ कर करीब 35 वाहनों को आगे के हवाले कर दिया था। इनमें दोपहिया, ऑटो, कार और ओबी वैन के अलावा एक रोडवेज बस भी थी। इसके अलावा हसनगंज थाना क्षेत्र के मदेयगंज और ठाकुरगंज की सतखंडा चौकी को आग के हवाले कर दिया गया था। अभी तक केवल मदेयगंज में ही तहसील प्रशासन ने करीब 27 लाख रुपये की संपत्ति के नुकसान का आकलन किया गया है। मामले में हजरतगंज पुलिस ने 46 बलवाइयो की सूची तैयार की है। नागरिक संशोधन कानून की आड़ में हिंसा फैलाने वालों से क्षतिपूर्ति की कवायद तेज हो गई है।