गोरखपुर। गोरखपुर आने वाले समय में इंडस्ट्रियल हब (Industrial Hub) बनने के रूप में प्रतिष्ठित होने की दिशा में बढ़ चला है। योगी सरकार (Yogi Government) की मंशा के अनुरूप गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) की कार्ययोजना और उसके मुताबिक जारी गतिविधियां इसकी तस्दीक करती हैं। गीडा के वर्तमान औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से बिछ रहे उद्योगों के संजाल ले साथ ही औद्योगिक विकास की गतिविधियों बढ़ाने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप भी आकार लेने लगी है।
इनमें सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप का। गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन अग्रवाल बताते हैं कि इस टाउनशिप को धुरियापार क्षेत्र के 18 ग्रामों में अधिसूचित 8385 एकड़ भूमि के दायरे में बसाया जाएगा। इसके लिए मेसर्स आरईपीएल द्वारा तैयार किया जा रहा मास्टर प्लान अंतिम चरण में है। फाइनल मास्टर प्लान के पूर्व प्री ड्राफ्ट का प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के समक्ष हो चुका है। फाइनल मास्टर प्लान में कुल क्षेत्रफल में 37.07 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक, 20.05 प्रतिशत आवासीय, 13.39 प्रतिशत पीएसपी, 5.81 प्रतिशत व्यावसायिक, 14.50 प्रतिशत हरित-खुला क्षेत्र तथा 9.18 प्रतिशत सड़क व अन्य सुविधाओं के लिए प्रस्तावित किया जा रहा है। इस ड्राफ्ट को संबंधित विभागों के पास भेजकर सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे और सुझावों को समाहित कर मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गत दिनों समीक्षा बैठक में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए थे। मूर्त रूप में आने के बाद यह इंडस्ट्रियल टाउनशिप धुरियापार समेत समूचे गोरखपुर दक्षिणांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगी। धुरियापार की पहचान अति पिछड़े क्षेत्र के रूप में रही लेकिन आने वाले दिनों में इसकी ख्याति गोरखपुर के नए औद्योगिक क्षेत्र के गेटवे के रूप में होगी। बीते पांच सालों में देश-दुनिया के कई निवेशकों का रुझान गोरखपुर की तरफ देखते हुए योगी सरकार धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है। औद्योगिक विकास के साथ ही यहां रोजगार की बहार भी बहेगी।
उधर गीडा के वर्तमान औद्योगिक क्षेत्र और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बड़े निवेश धरातल पर उतरने लगे हैं। निवेशकों के उत्साह को सरकार की उद्योग मित्रवत नीतियों और गीडा प्रशासन की तत्परता का पूरा साथ मिल रहा है। गीडा औद्योगिक सेक्टर 27 में विश्व प्रसिद्ध पेय पदार्थ की कम्पनी पेप्सिको का बॉटलिंग प्लांट लगाने के लिए पेप्सिको की फ्रेंचाइजी मेसर्स वरुण बेवरेजेस को 43.81 एकड़ भूमि आवंटन की प्रक्रिया को एक सप्ताह से भी कम समय में पूरा कर दिया गया। गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि एक सप्ताह में कम्पनी को भौतिक कब्जा भी प्रदान कर दिया जाएगा। पेप्सिको के इस बॉटलिंग प्लांट पर 1071 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे करीब 1509 लोगों को रोजगार मिलेगा।
औद्योगिक गतिविधियों को पंख लगाने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक गलियारे के ग्राम भगवानपुर में 88 एकड़ क्षेत्रफल में 70 करोड़ रुपये की लागत से प्लास्टिक पार्क की स्थापना होने जा रही है। प्लास्टिक पार्क की स्थापना के लिए भारत सरकार के पेट्रो एवं रसायन मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। गीडा की तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और अगले तीन माह में यहां भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
गीडा के सेक्टर 13 में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल रेडीमेड गारमेंट के उद्यमियों के लिए 2.68 एकड़ भूमि पर 33.92 करोड़ रुपये की लागत से फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स के निर्माण को भी केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। इस फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में रेडीमेड गारमेंट की 80 यूनिट लग सकेंगी और 40 मार्केटिंग आउटलेट भी बन सकेंगे। गीडा में ही रेडीमेड गारमेंट पार्क की भी स्थापना की जा रही है। रेडीमेड गारमेंट पार्क में अब तक 40 उद्यमियों को जमीन भी आवंटित कर दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि गीडा के स्थापना दिवस 30 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फ्लैटेड फैक्ट्री और रेडीमेड गारमेंट पार्क का शिलान्यास करेंगे।