गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की अगुवाई में मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा हासिल कर चुका गोरखपुर (Gorakhpur) बदलाव की नई इबारत लिख रहा है। चौड़ी सड़कें और व्यवस्थित यातायात से इसकी सूरत बदल रही है। इतना ही नहीं, आईटीएमएस से ट्रैफिक प्रबंधन ने शहर का कलेवर बदल दिया है। जलनिकासी, सीवरेज और फ्लाईओवर के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स से महानगर की खूबसूरती बढ़ने लगी है। इलेक्ट्रिक बसों का आवाज शून्य फर्राटा भरना और प्रदूषण मुक्त आवागमन भी सुख देने वाला है। आने वाले समय में मेट्रो ट्रेन चलने से इसकी यातायात सुविधाओं में सुखद बढ़ोत्तरी होने वाली है।
गोरखपुर (Gorakhpur) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के शहर का गौरव होने से यहां विकास के कार्य और गतिविधियां न सिर्फ तेज हैं बल्कि विशेष भी हैं। इस शहर को राज्य स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया गया है। जल्दी ही यह शहर देश के स्मार्ट सिटीज की कतार में खड़ा होगा।
स्मार्ट सिटी (Smart City) होने से यह होगा फायदा
स्मार्ट सिटी (Smart City) के मानकों में शहर में 24 घंटे बिजली-पानी की सुविधा का होना जरूरी है। इतना ही नहीं, गड्ढामुक्त सड़कें, फुटपाथ की व्यवस्था, हाइटेक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, साफ-सुथरा पर्यावरण और हरियाली भी स्मार्ट सिटी के मानकों में शामिल हैं। यह सबकुछ हासिल करने को गोरखपुर शहर बेताब है। अच्छी सूचना कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण, गरीबों के लिए किफायती आवास, योजनाबद्ध विकास, शहर में एक स्मार्ट पुलिस थाना, नागरिकों की सुरक्षा की व्यवस्थाएं, स्वच्छता और कूड़ा निस्तारण के प्रबंध, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जिस सिन हासिल कर लिया जायेगा, उस दिन गोरखपुर स्मार्ट सिटी में शुमार होगा और देश के चुनिंदा शहरों में गिना जायेगा।
वरिष्ठ पत्रकार राजीवदत्त पाण्डेय कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर (Gorakhpur) में बिजली, पानी की दिक्कत नहीं है। रोशनी से भरपूर सड़कों पर महिलाएं देर रात तक निश्चिन्त भाव से घूम कर बाजार आदि कर रहीं हैं। शानदार रोड कनेक्टिविटी, सीवरेज व जल निकासी प्रबंध गोरखपुर के विकास की गवाही दे रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्र विक्रमादित्य गोपाल का कहना है कि गोरखपुर में 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाला इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमस) लागू हो चुका है। गोलघर में 38 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर मल्टी लेवल पार्किंग की भी व्यवस्था हो चुकी है। वार्ड स्तर तक बुनियादी सुविधाओं के विकास की लंबी श्रृंखला है। इतना ही नहीं, 136.28 करोड़ रुपये की लागत वाली सीवरेज योजना जोन-ए1, उत्तरी भाग की भी सौगात सीएम मिल चुकी है। प्रदेश का सबसे हाईटेक थाना गोरखनाथ भी बन कर तैयार है।
शहर को स्मार्ट बनाने पर काम शुरू
हेरिटज फाउंडेशन गोरखपुर मनीष चौबे के अनुसार गोरखपुर शहर राज्य की स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल है। शहर की स्मार्टनेस बढ़ाने के लिए नौसढ़-पैडलेगंज सिक्सलेन फ्लाईओवर, खजांची चौराहा पर फोरलेन फ्लाईओवर, सीवरेज योजना सी पार्ट टू जैसे कार्य गतिमान हैं। इंटरसेप्शन, डायवर्जन और ट्रीटमेंट से जुड़ी गोड़धोइया नाला परियोजना पर 474.42 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि सीवरेज योजना पर 561.34 करोड़ रुपये। नौसढ़-पैडलेगंज सिक्सलेन फ्लाईओवर पर 429.49 करोड़ रुपये तथा खजांची चौराहे पर फोरलेन फ्लाई ओवर के निर्माण पर 96.50 करोड़ रुपये की लागत आ रही है।
G-20: मां अन्नपूर्णा की नगरी में तीन दिन तक दुनिया के खानपान पर दिग्गज करेंगे मंथन
शहर की स्मार्टनेस बढ़ाने के लिए पैडलेगंज से फिराक गोरखपुरी चौक तक फोरलेन 277 करोड़ 77 लाख 94 हजार रुपये की लागत से बनेगा। डोमिनगढ़ से गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के मध्य समपार संख्या 162 ए पर पूर्व निर्मित रेल ओवरब्रिज के समानांतर टू लेन ओवरब्रिज के निर्माण पर 115 करोड़ 76 लाख 86 हजारों रुपये की लागत आएगी।
अब मेट्रो ट्रेन की बारी
पत्रकार सौरभ उपाध्याय का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की पहल पर 25 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। इनके लिये 11 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से चार्जिंग स्टेशन बनाया गया। अब शहर में मेट्रो ट्रेन के संचालन की बारी है। यहां दो कॉरिडोर बनाकर तीन कोच की मेट्रो लाइट चलाई जाएगी। गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट पर 4600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है।