नई दिल्ली। श्रमिकों एवं निजी कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए यह काम की खबर है। श्रमिकों को लेकर कई कानून व सुविधाएं होती तो हैं, लेकिन बहुत कम ही लोगों को इसके बारे में पता होता। हम आज हरियाणा की एक ऐसी योजना के बारे में बता रहे हैं जिसमें कर्मचारी सिर्फ 120 रुपये सालाना देकर अपनी जिंदगी से जुड़ी 19 ऐसी सुविधाएं पा सकते हैं, जिनके लिए आम तौर पर मोटी रकम खर्च करनी होती है। ये सुविधाएं शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी हुई हैं। योजना के तहत श्रमिको की सर्विस कम से कम एक साल और उनकी सैलरी प्रतिमाह 25,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
पढ़ाई के लिए सहायता
अगर किसी श्रमिक के लड़के—लड़कियां पहली से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई जारी रखते हैं। तो इसके लिए उन्हें स्कूल ड्रेस, किताब-कापियां आदि खरीदने के लिए हर साल 3 से 4 हजार रुपये की मदद मिलेगी।
श्रमिकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना
9वीं से 10वीं तक लड़कों के लिए 5000, लड़कियों के लिए 7000 रुपये प्रति वर्ष। 11वीं से 12वीं के लड़कों के लिए 5500, लड़कियों के लिए 7750 रुपये। यह सुविधा मेडिकल पढ़ाई तक भी पैसा बढ़ाकर दी जाएगी।
- श्रमिकों के बच्चों को खेलकूद के लिए
- प्रतियोगिता के आधार पर 2000 से 31000 रुपये तक दिया जाएगा।
- श्रमिकों के बच्चों को कल्चरल प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने पर 2000 से 31000 रुपये तक दिया जाएगा।
- श्रमिकों को चश्मे के लिए 1500 रुपये तक की मदद।
- महिला श्रमिकों तथा श्रमिकों की पत्नियों को डिलीवरी पर 10-10 हजार रुपये। दो बार के लिए दिये जाएंगे।
- श्रमिकों और उनके आश्रितों को डेंटल केयर व जबड़ा लगवाने के लिए 4 से 10 हजार रुपये तक की मदद।
- श्रमिकों की किसी भी दुर्घटना में अपंग हुए श्रमिकों व उनके आश्रितों को कृत्रिम अंगों के लिए सहायता मिलती है।
- बधिर श्रमिकों व उनके बधिर आश्रितों को श्रवण मशीन के लिए 5000 (पांच साल में एक बार)।
- दिव्यांग श्रमिकों तथा उनके आश्रितों को तिपहिया साईकिल के लिए 7000 रुपये।
- श्रमिकों के दिव्यांग बच्चों को 20,000 से 30,000 रुपये। इसके तहत सर्विस और वेतन की सीमा तय नहीं है।
शादी के लिए सहायता
इस स्कीम के तहत अगर किसी व्यक्ति के 3 बेटियां और दो बेटे 9वीं और 10वीं क्लास में पढ़ाई करते हैं, तो उस श्रमिक को इसके लिए सालाना 31 हजार रुपये सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। अगर किसी श्रमिक की शादी होती है तो उसे सरकार की तरफ से 51,000 रुपये दिए जाएंगे। यह तीन बेटियों के लिए ही मान्य होगा।
अप्रिय घटना के बाद आश्रित को सहायता
- श्रमिक की किसी भी कारण से मृत्यु होने पर उसकी विधवा या आश्रित को 2,00,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
- श्रमिक की कार्य स्थल या बाहर किसी भी कारण से मृत्यु होने पर दाह संस्कार के लिए 15000 रुपये।
- कार्यस्थल पर काम करते वक्त मौत होने पर आश्रित को 5 लाख रुपये की मदद दी जायेगी।
- श्रमिकों की सेवा के दौरान दुर्घटना या अन्य कारण से दिव्यांग होने पर: 1.5 लाख रुपये तक की मदद।