कोरोना संकट के बीच भी मॉब लिंचिंग नहीं थम रही है, त्रिपुरा में मिनी ट्रक से जानकर लेकर जा रहे तीन मुस्लिमों युवाओं को भीड़ ने पीट पीटकर मार डाला। मिली जानकारी के अनुसार खोवाई जिले के उत्तरी महारानीपुर में ये घटना घटित हुई, ग्रामीणों ने गाड़ी का पीछा करते हुए पकड़ा फिर हमला कर दिया।
खोवाई के एसपी किरण कुमार ने बताया मारे गए लोगों में जायद हुसैन, बिलाल मियांं और सैफुल इस्लाम शामिल हैं, ये सेपाहीजाला के सोनामूरा इलाके के थे। सीपीआई एम ने बयान जारी करते हुए जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है तब से ऐसे अपराधों की बाढ़ आ गई है, कानूून व्यवस्था खस्ताहाल है।
पीट पीटकर हत्या मामले में दो अन्य मामले चंपाहोवेर और कायनपुर में भी दर्ज हुए हैं लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक ग्रामीणों ने मिनी ट्रक का पीछा किया और उत्तरी महारानीपुर गांव के पास वाहन को रोकने में कामयाब रहे। ग्रामीणों ने मिनी ट्रक पर सवार तीन लोगों को घातक हथियारों से पीटना शुरू कर दिया और उनमें से दो को पीट-पीट कर मार डाला, जबकि अन्य भागने में सफल रहा। पुलिस अधिकारी ने कहा कि भीड़ ने उत्तरी महारानीपुर के पास एक आदिवासी बस्ती मुंगियाकामी में तीसरे व्यक्ति को पकड़ लिया और वहां उसकी हत्या कर दी।
किरण कुमार ने कहा कि पुलिस हामले के तत्काल बाद दोनों जगहों पर पहुंची और घायलों को पहले नजदीकी अस्पताल और फिर अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज ले गई, जहां इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने हत्या के मामले में केस दर्ज कर लिया है। घटना की जांच की जा रही है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।
गौ-संरक्षण के नाम पर हो रही हिंसा के कारण बहुत ही तेज़ी से सामाजिक सौहार्द बिगड़ता जा रहा है। ऐसे में देश के अलग अलग राज्यों में अलग अलग गौ-संरक्षण कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है। कानून ने कथित तौर पर न्यायिक और संस्थागत, दोनों ही पृष्ठभूमियों के अंतर्गत गौ-रक्षक और हत्या कर देने वाली भीड़ को निर्दोष साबित करने का रास्ता खोल कर एक तरह से हत्याओं को बढ़ावा दिया है। राजनीतिक संरक्षण ने स्थिति को और भयावह बना दिया है।