लखनऊ/गोरखपुर। बेहतरीन बुनियादी सुविधाओं (best infrastructure) की वजह से गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेन्ट अथॉरिटी (Gida) निवेशकों की पसंद बन रहा है। यहां आ रहे निवेश, निवेशों (investments) के प्रस्ताव और जिन प्रस्तावों पर काम हो रहा है, वह इसके सबूत हैं। सब कुछ इसी तरह रहा तो प्लास्टिक पार्क, आईटी पार्क, गारमेंट पार्क, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों ओर बनने वाले औद्योगिक गलियारे, धुरियापार की औद्योगिक टाऊनशिप समेत अन्य योजनाओं के जरिए अगले पांच साल में यह उत्तर भारत का दूसरा नोएडा बनने की राह पर होगा।
मालूम हो कि बहुत पहले से गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है। इस नाते यह रेल सेवा के जरिये पूरे देश से जुड़ा है। गीडा के बीचोबीच गोरखपुर से लखनऊ जाने वाली फोरलेन सड़क है। इसके जरिए गीडा (Gida) पूर्वोत्तर भारत और देश के अन्य हिस्सों से जुड़ता है। इसको 6 लेन का बनाने का प्रस्ताव है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के जरिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुड़ने के बाद इसकी रोड कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। गोरखपुर में पहले से ही एयरपोर्ट है। मौजूदा समय में यहां से देश के सभी प्रमुख महानगरों के लिए नियमित फ्लाइट्स हैं। करीब 50 किमी दूर कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सोने पर सुहागा जैसा है। इस तरह से कनेक्टिविटी के लिहाज से गीडा को वैश्विक स्तर की सुविधाएं हासिल हैं।
इन्हीं बेहतरीन सुविधाओं की वजह से गीडा (Gida) न केवल देश बल्कि विदेश के निवेशकों की भी पसंद बन रहा है। दो दिन पहले यूनाइटेड किंगडम के साउथ एशिया के ट्रेड कमिश्नर एलेन जेमेल का दौरा और यहां के परिवेश की तारीफ इसका प्रमाण है।
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अगर गीडा (Gida) के इतिहास, मौजूदा और प्रस्तवित निवेश की बात करें तो इसकी स्थापना 1989 में हुई थी। मौजूदा समय में यहां की 600 इकाइयों में 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। गैलेंट इस्पात, इंडिया ग्लाइकाल्स, अंकुर उद्योग, क्रेजी फूड्स, एबीआर पेट्रोकेमिकल्स, एआरपी ग्रुप, इंडियन ऑयल, पार्ले फूड्स, स्प्लाइस इंडस्ट्रीज, एसडी इंटरनेशनल आदि प्रमुख इकाइयां हैं।
प्रस्तवित प्रमुख उद्योगों में केयान इंडस्ट्रीज, सीपी मिल्क, तत्त्वा प्लास्टिक, क्वार्टरज ओपेलवेयर, आदित्य मोटर्स, बुद्धा ट्रस्ट आदि हैं। इन इकाइयों का कुल निवेश 1000 करोड़ से अधिक है। इनके लगने पर 26 हजार से अधिक लोंगों को रोजगार मिलेगा।
इसके अलावा ओडीओपी योजना (ODOP Scheme) के तहत प्रदेश सरकार 60 करोड़ रुपये की लागत से गारमेंट पार्क बना रही है। इसके लिए 56 निवेशकों को प्लाट भी आवंटित किए जा चुके हैं। इसमें 1500 से अधिक लोंगों को रोजगार मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी की वजह से हाल ही में गोरखपुर में कुछ बड़े ब्रांड के होटल खुले हैं। कुछ पाइपलाइन में हैं। इनमें हॉस्पिटलटी में दक्ष लोंगों की जरूरत पड़ती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट का प्रस्ताव है। इस बाबत 6 एकड़ जमीन भी आवंटित की जा चुकी है।
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इसके अलावा गोरखपुर-लखनऊ (Gorakhpur-Lucknow) एवं सोनौली-कुशीनगर (Sonauli-Kushinagar) राजमार्ग के जंक्शन जीरो प्वाइंट पर 240 एकड़ व्यवसायिक और आवासीय परियोजना के लिए प्रस्तावित है। फर्स्ट फेज के लिए भूमि (70 एकड़) भी अधिग्रहित की जा चुकी है। गोरखपुर के दक्षिणांचल में 8385 एकड़ में टाउनशिप बनाने और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव अलग से। ये सारी योजनाएं अगले पांच साल में मूर्त रूप लेने लगेंगीं। इसके साथ ही न केवल गीडा का बल्कि पूरे क्षेत्र का औद्योगिक परिदृश्य बदल जाएगा।