लखनऊ । 10 लाख करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार 19 फरवरी को पीएम मोदी के कर कमलों से ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 (GBC 4.0) का शुभारंभ करने जा रही है। इस बार की जीबीसी उत्तर प्रदेश को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को ‘पावर सरप्लस स्टेट’ का दर्जा दिलाने की दिशा में भी अभूतपूर्व साबित होगी। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। जीबीसी 4.0 के मध्यम से उत्तर प्रदेश में 67 हजार करोड़ से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की आठ परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (पीएसपी) में विद्युत उत्पादन का शुभारंभ होने से प्रदेश को एक स्थायी और हरित ऊर्जा क्रांति के लिए मंच मिलेगा, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में यूपी अग्रणी स्थान पर खुद को मजबूती से स्थापित कर सकेगा।
13,250 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा सुनिश्चित
शुरू होने वाली इन परियोजनाओं के तहत ग्रीनको ग्रुप, टोरेंट पावर ग्रुप, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड, एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस, अमुनरा इन्फ्राटेक एवं एग्रीटेक प्रा. लि. तथा अवाड़ा वॉटर बैटरी प्राइवेट जैसी कंपनियां उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) क्षेत्र में बड़ा निवेश करने को तैयार हैं। इन आठ परियोजनाओं में से छह सोनभद्र तथा दो मिर्जापुर व चंदौली जिलों में स्थित हैं। इनकी सामूहिक क्षमता 13,250 मेगावाट है। सोनभद्र की परियोजनाओं के लिए जल सोन नदी से लिया जाएगा, जबकि मिर्जापुर तथा चंदौली के लिए जल का स्रोत अदवा डैम तथा मूसाखंड डैम होंगे।
नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) का भी केंद्र बनेगा सोनभद्र
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की अधिकतम परियोजनाओं का शुभारंभ उत्तर प्रदेश में ऊर्जा के केंद्र के रूप में पहचान बनाने वाले सोनभद्र जिले में हो रहा है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पर्यावरण के अनुकूल तथा संधारणीय ऊर्जा के स्रोत माने जाते हैं। इस क्षेत्र की प्रख्यात पंप स्टोरेज परियोजनाओं में सबसे प्रमुख है ग्रीनको का 3600 मेगावाट वाला गुरार संयंत्र। सोन नदी पर निर्मित इस परियोजना के लिए जलाशय को एक बार भरने के लिए 43.66 एमसीएम तथा वार्षिक रिकूपिंग के लिए 27.629 एमसीएम जल की आवश्यकता होगी। यह परियोजना गुरार, गारवा, पिंडारी, रानीदेव, मुहुना तथा बैजनाथ जैसे ओबरा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामों की कायापलट कर सकती है।
सीएसआर गतिविधियां भी होंगी संचालित
इसी तरह, टोरेंट पॉवर ने सोन नदी पर 1750 मे गावाट की क्षमता वाला पंप स्टोरेज संयंत्र स्थापित किया है। सोनभद्र जनपद में निर्मित यह संयंत्र एक स्वच्छ एवं पर्यावरण अनुकूल परियोजना है, जो कि रिवराइन ईकोसिस्टम को न परिवर्तित करती है, न ही नुकसान पहुंचाती है। इन परियोजनाओं की लागत तो कम है ही, साथ ही पावर स्टोरेज की लागत भी कम है। क्लोज्ड लूप पंप स्टोरेज परियोजना सस्ती, सुलभ व पूर्णतः नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) का उत्पादन करती है। टोरेंट पावर ने क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक ढांचे के उत्थान के लिए आस-पास के क्षेत्र में सीएसआर गतिविधियां संचालित करने का भी संकल्प लिया है।
जीबीसी में शामिल पीएसपी परियोजनाएं
कंपनी का नाम, जनपद, क्षमता (मेगावाट) निवेश
ग्रीनको एनर्जीज प्रा. लि., सोनभद्र, 3660, 17,180.79 करोड़
टोरेंट पावर लि. (2 परियोजनाएं), सोनभद्र, 4150, 24,200 करोड़
सौर ऊर्जा से चलेगा ट्यूबवेल, बिजली की होगी बचत
जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लि., सोनभद्र, 1200, 5,530 करोड़
एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस (2 परियोजनाएं), चंदौली व मिर्जापुर, 1500, 6,561 करोड़
अवाडा वॉटर बैटरी प्राइवेट, सोनभद्र, 1120, 6119 करोड़
अमुनरा इन्फ्राटेक एवं एग्रीटेक प्रा. लि., सोनभद्र, 1620, 7374.57 करोड़