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गंगा सप्तमी आज, शिव की जटा से धरती पर कैसे आईं गंगा

गंगा सप्तमी

डेस्क। शनिवार यानी आज गंगा सप्तमी मनाई जा रही है। शास्त्रों के अनुसार, वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन पवित्र गंगा में डुबकी लगाने वाले भक्त के सारे पाप कर्मों का नाश होता है और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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आपको बता दें गंगा सप्तमी को गंगा उत्पत्ति का दिन माना जाता है, क्योंकि इसी दिन महर्षि जह्नु ने अपने दाहिने कान से गंगा को पृथ्वी पर छोड़ा था। कहा जाता है कि गंगा के कोलाहल से क्रोधित होकर महर्षि जह्नु ने अपने तपबल से उसे पी लिया था और बाद में मुक्त कर दिया। तब से गंगा का नाम जाह्नवी पड़ा।

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जानकारी के मुताबिक गंगा सप्तमी पर चांदी या स्टील के लोटे में गंगाजल भरकर भगवान शिव का अभिषेक करने से मनचाहा फल मिलता है। वास्तु दोष करने के लिए भी इस दिन अनुष्ठा होते हैं। इन दिन गंगा जल का घर-ऑफिस में छिड़काव करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और सभी वास्तु दोष दूर होते हैं।

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