नए स्वरूप में गंगा आरती
गौर हो कि नीलधारा स्थित ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य शिविर के समीप चैत्रमास प्रारंभ होने के साथ ही शंकराचार्य शिविर प्रारंभ हो गया है जिसके साथ ही मां गंगा की पूजा-अर्चना के साथ ही दिव्य व भव्य आरती की जा रही है जोकि चैत्र मास की पूर्णिमा तक नियमित रूप से गंगा जी का पूजन व सायंकालीन आरती की जाएगी जो बिल्कुल उसी तर्ज में हो रही है जैसे काशी में होती है।
काशी से बुलाए गए पांच पंडित
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि गंगा जी की विधिवत पूजा दिव्य और भव्य आरती के साथ कुंभ पर्व आरंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि कुंभ में मां गंगा (Dharmanagri Haridwar) की पूजा-अर्चना एवं सायंकालीन आरती भक्तों द्वारा की जाएगी।
इस अवसर पर देश के विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालु मां गंगा का पूजन करेंगे जिस तरह काशी में गंगा आरती होती है, वैसे ही धर्मनगरी में भी आयोजित की जा रही है जिसके लिए काशी से 5 पंडित बुलाए गए हैं, जो आरती के बाद शिव स्त्रोतम भी मां गंगा के किनारे करते हैं।