लखनऊ डेस्क। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से भाद्रपद चतुर्दशी तक अर्थात गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक गणेशजी की विशेष आराधना की जाती है। गणेश चतुर्थी को भगवान गणेशजी की स्थापना की जाती है, जो विशेष मुहूर्त में करना चाहिए। शुभ मुहूर्त प्रात: 6.10 से 7.44 तक और सुबह 9.18 से 10.53 तक।
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आपको बता दें मूर्ति की स्थापना के लिए सबसे पहले लाल वस्त्र चौकी पर बिछा लें। इस पर अक्षत छिड़कें और ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करें। अब उन्हें नहलाएं। इसके लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल करें। पान के पत्तों से गंगाजल लें और भगवान को नहलाएं।गणपति की मूर्ति की जहां स्थापना हुई है उसके पास तांबे या चांदी के कलश में जल भरकर रखें. कलश गणपित के दांई ओर होना चाहिए. इस कलश के नीचे चावल या अक्षत रखें और इसपर मोती अवश्य बांधें।
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जानकारी के मुताबिक पूजा के लिए गणेश प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत, कलावा जनेऊ, इलाइची, नारियल, चांदी का वर्क, सुपारी, लौंग पंचमेवा, घी कपूर, पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गंगाजल पहले से इकट्ठा कर लें।गणेश चतुर्थी के दिन पूजा करने से पहले प्रतिमा के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी भी रखें।