आधुनिक हिन्दी साहित्य के श्रेष्ट गद्यकार मनोहर जोशी का आज ही के दिन राजस्थान के अजमेर के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। इन्हें आधुनिक युग का उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार कहा जाता है।
महोहर जोशी जानी मनी हस्तियों में से एक है जिन्हें अनेकों पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जो लोग टीवी जगत के प्रेमी है वो उनके धारावाहिक ‘हमलोग’, ‘बुनियाद’, ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ जैसे कितने दिल को छूने वाले धारावाहिक किए है।
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आज इनकी श्रद्धांजलि पर फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रिव्यू थियेटर का नाम बदलकर दिवंगत पटकथा लेखक मनोहर श्याम जोशी के नाम पर रखा जाएगा।यह प्रिव्यू थियेटर लॉ कॉलेज के कैंपस में है जहां छात्र अपने डिप्लोमा फिल्मों की स्क्रीनिंग करते हैं। एफटीआईआई ने एक बयान में कहा कि उन्होंने थिएटर का नाम बदलने का फैसला किया है।
मनोहर श्याम जोशी द्वारा टेलीविजन के लिए पटकथा लेखन में योगदान के लिए हम उन्हें इस माध्यम से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इन्होने फिल्म पट-कथा लेखक, उच्च कोटि के संपादक, कुशल प्रवक्ता तथा स्तंभ-लेखक के रूप में अपनी छाप छोड़ दी है इनके योगदान को लोग कभी भूल नही सकते है।
मनोहर श्याम जोशी को टीवी धारावाहिक लेखन का पुरोधा भी कहा जाता है। इस धारावाहिकों में बतौर लेखक मनोहर श्याम जोशी को खूब पसंद किया गया। हमारे देश में सोप ऑपरा लिखने वाले वे पहले लेखक थे।
मनोहर श्याम जोशी का पहला उपन्यास ‘कुरु कुरु स्वाहा’ था। यह उपन्यास 1980 में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद इन्होंने कसप, हरिया हरक्यूलिस की हैरानी, हमजाद, ट-टा प्रोफेसर, क्याप और कौन हूं मैं जैसे उपन्यासों की रचना की।