नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी में मानसिक बीमारी की घटनाओं की बाढ़ आ गई है। इससे निजात दिलाने के लिए बुधवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने 24×7 नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन सेवा शुरू की है।
इस मौके पर विभाग के मंत्री थावरचंद गहलोत ने हेल्पलाइन का नंबर (1800-599-0019) को जारी किया है। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन पुनर्वास विशेषज्ञों के माध्यम से 13 भाषाओं (अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, ओडिया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, बंगाली, तेलुगु, असमिया और उर्दू) में होगी। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य रोगियों को पुनर्वास संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश के सीहोर में एनआईएमएचआर की स्थापना के बारे में बात की।
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इस मौके पर सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी शकुंतला डी. गामलिन एवं संयुक्त सचिव डॉ. प्रबोध सेठ मौजूद रहे। इस हेल्पलाइन का उद्देश्य तनाव , चिंता, अवसाद, पैनिक अटैक, समायोजन विकारों, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रैस डिसऑडर्स, मादक द्रव्यों के सेवन, आत्मघाती विचारों, महामारी प्रेरित मनोवैज्ञानिक मुद्दों और मानसिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों का सामना करने वाले लोगों की मदद करना है।
इसके लिए 660 क्लीनिकल पुनर्वास मनोवैज्ञानिकों और 668 स्वयंसेवक मनोचिकित्सकों की मदद मिलेगी। इसके जरिए रोग स्क्रीनिंग, प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक सहायता, सकारात्मक व्यवहारों को बढ़ावा देने, मनोवैज्ञानिक संकट प्रबंधन आदि के उद्देश्य से मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास सेवाएं प्रदान करेगी।
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शकुंतला गामलिन ने मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों के प्रभावी पुनर्वास और एकीकरण के लिए मनोवैज्ञानिकों और मनोचिकित्सकों के बीच सहयोगपूर्ण संबंध विकसित करने पर जोर दिया। जबकि डॉ. प्रबोध सेठ ने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की गंभीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऐसी घटनाओं और देश में उपचार में अत्यधिक अंतराल होने के विषय को स्पष्ट किया।