बीते चार महीनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों के भारत बंद का देश में मिला-जुलाअसर देखा गया। भारतीय रेल ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का पंजाब और हरियाणा में कुछ जगहों को छोड़कर देशभर में ट्रेन सेवा पर लगभग शून्य असर रहा है।
किसान नेताओं के आह्वान के तहत शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने पंजाब और हरियाणा में 44 स्थानों पर रेल पटरियों को अवरूद्ध कर दिया, जिससे रेल यातायात बाधित हुआ। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि विरोध प्रदर्शनों के कारण चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, 35 अन्य ट्रेनें रुकी हुई हैं और 40 मालगाडिय़ो की आवाजाही प्रभावित हुई।
जिन 44 स्थानों पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई है, वे दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर रेलखंड के अंतर्गत आते हैं।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि सुबह 11 बजे आंदोलनकारी किसान 44 स्थानों पर बैठे हुए देखे गए हैं। अब तक कुल 35 ट्रेनों को रोका गया है और 40 मालगाडिय़ो की आवाजाही प्रभावित हुई। चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक बंद का आह्वान किया है।
गौरतलब है कि मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बीते चार महीनों से डेरा डाले हुए हैं। ये किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने और अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं।