गौर हो कि साल 2015 में जब उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकार थी। तब जगद्गुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेशवरानंद (Avi mukteshwarnand) और उनके भक्तों पर लाठीचार्ज हुआ था जिसके बाद अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि अखिलेश को इस घटना का अंजाम भुगतना पड़ेगा। साल 2015 की उस घटना के बाद यह पहला मौका है, जब अखिलेश यादव स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मिलने पहुंचे हों।
वहीं, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उन्हें मिलने का समय दिया। आज उनसे मिलकर लगा कि उनसे बार-बार मिलना चाहिए। साथ ही कहा कि कुंभ का पर्व शिकायतें व्यक्त करने का नहीं होता, बल्कि संतों से आर्शीवाद लेने का होता है। कुंभ में आने वाला कोई भी श्रद्धालु मेले की व्यवस्थाओं के बारे में शिकायत नहीं करेगा। वह तो मात्र तीर्थ का आनंद लेगा और गंगा स्नान करेगा।