देहरादून। उत्तराखंड के वनों में आग लगने की घटनाएं थामने का नाम नहीं ले रही हैं और राज्य में अभी तक 886 से ज्यादा वनाग्नि (Forest Fire) की घटनाएं हो चुकी हैं जिसके कारण अब तक पांच जनहानि हुई है जबकि 1107 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। पौड़ी जनपद में वनाग्नी (Forest Fire) बुझाने के लिए जहां वायु सेना के हेलीकॉप्टर से पानी डाला गया, वहीं आग लगाने वालों पर अब गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करने का शासन ने निर्णय लिया है।
पौड़ी में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के निर्देश पर सोमवार को दोपहर बाद वायुसेना का हेलीकॉप्टर श्रीनगर के समीप कोटेश्वर हेलीपेड में उतरा। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, जो क्षेत्र आग से ज्यादा प्रभावित हैं, वहां हेलीकॉप्टर की मदद से आग बुझाई जा रही है। आज हेलीकॉप्टर ने अलकनंदा झील से बांबी बैकेट में पानी भरकर डोभ श्रीकोट में दो राउंड में लगभग पांच हजार लीटर पानी का छिड़काव किया। उन्होंने बताया कि यह अभियान जारी रहेगा।
दूसरी ओर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में संवाददाताओं को बताया कि अब जंगल में बार-बार आग लगाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। साथ ही वन संपदा को हुए नुकसान की भरपाई भी आग लगाने वालों से की जाएगी। उन्होंने कहा कि पौड़ी और अल्मोड़ा में आग बुझाने के लिए एनडीआरएफ की टीम उतारी गई है। वहीं, आग बुझाने के लिए पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी के जवान भी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कि इसके लिए युवक और महिला मंगल दलों का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्लाउड सीडिंग को लेकर आईआईटी रुड़की से बातचीत की जा रही है। वहीं, आग से बचे गांवों को पुरुस्कृत किया जाएगा।
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श्रीमती रतूड़ी ने बताया कि वनाग्नि (Forest Fire) नियंत्रण में लापरवाही बरतने पर रेंज अधिकारी, जोरासी (अल्मोड़ा वन प्रभाग, अल्मोड़ा ) को प्रभागीय कार्यालय स्तर पर सम्बद्ध किया गया है। प्रत्येक चारधाम रूट पर मोबाइल क्रू-टीम तैनात की गई है। उन्होंने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण हेतु प्रत्येक जिलाधिकारी को 5 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पोर्टेबल पम्पों वालें छोटे आकार में वॉटर टैंकर की सहायता से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में आग बुझाई जाएगी। उन्होंने बताया कि भारी संख्या में आग बुझाने वाले सिलेण्डरों की व्यवस्था तत्काल करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस दौरान, वन विभाग की ओर से बताया गया कि अभी तक वनाग्नि (Forest Fire) की घटनाओं में 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर, चार लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। साथ ही, राज्य में खेतों में चारे आदि को जलाने तथा शहरी क्षेत्रों पर ठोस कचरे को जलाने पर पूरी तरह बैन कर दिया गया है। वन विभाग में तैनात 4000 फायर वाचर्स के इंश्योरेंस की कार्रवाई शुरू की गई है।