अहमदाबाद। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत वन्य जीव संरक्षण की दिशा में आयोजित काप-13 सम्मेलन की महात्मा मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस सम्मेलन में 130 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसमें 16 देशों के मंत्री भी शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 फरवरी को विधिवत रूप से इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन 22 फरवरी तक चलेगा। इस सम्मेलन में एक देश से दूसरे देश में जाने वाले वन्य जीव की प्रजातियों को कैसे संरक्षित किया जाए?, लेकिन विधिवत रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा।
महात्मा मंदिर के प्लेनरी हाल में उद्घाटन और समापन का कार्यक्रम होगा
विश्व में इस तरह के अभी तक 12 काप हो चुके हैं, भारत में यह पहली बार 13वीं काप का आयोजन किया गया है। इसके लिए महात्मा मंदिर के प्लेनरी हाल में उद्घाटन और समापन का कार्यक्रम होगा। विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से द्विपक्षीय वार्ता के लिए कुल नौ हाल बनाए गए हैं जिसमें व्यापारिक बैठकों के लिए चार हाल तो अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए पांच हाल बनाए गए हैं। इसके अलावा एक साइट इवेंट-55 है जिसमें पांच टेम्परेरी हाल हैं। वहीं एक एक्जिविशन सेंटर बनाया गया है जिसमें 60 हैं। इसमें विभिन्न राज्यों के अलावा नौ इंटरनेशनल संस्थाओं के स्टाल, बोर्ड, निगम व कार्पोरेट्स के भी स्टाल हैं। इन सबके बगल में एक इंडिया पैवेलियन भी है जहां भारत की वाइल्ड लाइफ की प्रदर्शनी लगाई गई है।
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ग्रेट इंडियन बस्टर्ड नाम की एक पक्षी है जो काफी क्रिटिकली थ्रेटंड कटेगरी में
डी.टी.बसावड़ा (चीफ कंजर्वेटर आफ फारेस्ट) ने यह जानकारी देते हुए रविवार को बताया कि आयोजन में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड नाम की एक पक्षी है जो काफी क्रिटिकली थ्रेटंड कटेगरी में है। यह पक्षी गुजरात और राजस्थान में पाया जाता है, जिसका नाम जीबी (जीआईबीआई) रखा गया है। आयोजन के लोगों इसी पक्षी का जिक्र किया गया है। आयोजन का मास कोट- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड करके एक वर्ड है जो काफी क्रिटिकली थ्रेट्रंड कटेगरी में है जो गुजरात राजस्थान में पाई जाती है। इसका नाम जीबी (जीआईबीआई) रखा गया है, उसी का लोगो भी सम्मेलन में दिया गया है। यह कांफ्रेस की थीम है माइग्रेटरी स्पेसीज कनेक्ट्स द प्लेनेट्स एंड टुगेदर वी वेलकम देम होम।
वालंटियरों के लिए ड्रेस की व्यवस्था
महात्मा मंदिर में शुरू होने वाले प्रवासी पक्षियों पर आयोजित सम्मेलन काप-13 के लिए करीब 6000 से ज्यादा लोगों का रजिस्ट्रेशन हैं। इसमें पुलिस, महात्मा मंदिर के कांट्रेक्टर, होटलियर्स आदि हैं। इसमें लगभग 3000 स्थानीय मदद करने वाले लोग भी हैं। इन लोगों के लिए एक ड्रेस कोड की व्यवस्था की गई है, जिसमें एक कलर की जैकेट, शर्ट और पैंट के साथ ही जूते- मोजे की भी व्यवस्था की गई है।