देहरादून। मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने किसानों को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास के साथ ही व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र विशेष के आधार पर योजनाएं तैयार की जाए। जिससे अधिक से अधिक उस योजना को धरातल पर उतारा जा सके।
मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधू ( SS Sandhu) की अध्यक्षता में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक हुई। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएं।
उन्होंने फसलों की नई वैरायटी विकसित करने के लिए प्रदेश स्तर में ही प्रयास करने पर जोर दिया। साथ ही दालों, पोषक अनाजों और तिलहन की खेती को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने क्षेत्र विशेष के लिए योजनाएं बनाते समय विशेष ध्यान रखने को कहा। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु भिन्न-भिन्न होती है। एक ही योजना मैदानी और पर्वतीय क्षेत्र में लागू करने से योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पाता।
उन्होंने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु के अनुसार प्रत्येक जनपद के लिए अलग योजनाएं तैयार की जा सकती हैं। अच्छी योजनाएं तैयार करें। अच्छी योजनाओं के लिए फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी। इन योजनाओं पर आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार से भी फंड उपलब्ध कराया जाएगा।
वॉलनट और कीवी के उत्पादन पर फोकस-
इस बैठक के उपरांत मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधू की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठकें भी हुईं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वॉलनट और कीवी के उत्पादन पर फोकस कर किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं।
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मुख्य सचिव ने उत्पादों को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने के लिए बायोफेंसिंग विशेष ध्यान देने की बात कही। इसके लिए अलग से सेल बनायी जाए। जो इस दिशा में लगातार क्षेत्र विशेष और वहां रहने वाले जानवरों के अनुसार बायोफेंसिंग तैयार करें।
पलायन से ग्रसित गांवों में एग्रीगेटर-
मुख्य सचिव ने सभी एलाइड विभागों द्वारा एक इंटीग्रेटेड प्लान तैयार कर पलायन से ग्रसित गांवों में एग्रीगेटर तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने एक योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने के बजाए, क्षेत्र की आवश्यकता अनुसार प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। किसानों को सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाए। प्रशिक्षण और इंसेंटिव भी दिया जाए। सभी योजनाओं को सोशल ऑडिट और थर्ड पार्टी ऑडिट किए जाने के निर्देश दिए।
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इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन,सचिव शैलेश बगोली,वी. वी.आर.सी.पुरुषोत्तम सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।