नई दिल्ली। संसद के दोनों से नागरिकता संशोधन विधेयक पर मुहर लगने के बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह संसद कहा कि ये किसी धर्म के ख़िलाफ़ नहीं है। भारत के मुसलमानों को इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं, लेकिन महाराष्ट्र में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी अब्दुर्रहमान को यह बात हजम नहीं हुई। उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज करते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
This Bill is against the religious pluralism of India. I request all justice loving people to oppose the bill in a democratic manner. It runs against the very basic feature of the Constitution. @ndtvindia@IndianExpress #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/1ljyxp585B
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 11, 2019
अब्दुर्रहमान मुंबई में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग में पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी
बता दें कि अब्दुर्रहमान मुंबई में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग में पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी थे। उन्होंने ट्वीट कर अपने त्यागपत्र की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान के मूल ढांचे के ख़िलाफ़ है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा है कि ये विधेयक भारत की धार्मिक विविधता के ख़िलाफ़ है। मैं न्यायप्रिय सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीक़े से इसका विरोध करें। उन्होंने कहा कि ये विधेयक संविधान के मूल ढांचे के ख़िलाफ़ है।
The #CitizenshipAmendmentBill2019 is against the basic feature of the Constitution. I condemn this Bill. In civil disobedience I have decided not attend office from tomorrow. I am finally quitting the service.@ndtvindia@IndianExpress #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/Z2EtRAcJp4
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 11, 2019
अब्दुर्रहमान ने गृह मंत्री अमित शाह पर देश के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने और ग़लत सूचनाएं फ़ैलाने का भी आरोप लगाया
आईपीएस अधिकारी अब्दुर्रहमान ने कहा है कि वे इस विधेयक की निंदा करते हैं। इसके विरोध में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का फ़ैसला किया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र भी ट्वीट किया है। अब्दुर्रहमान उसी समय से इस विधेयक के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं, जब इसे लोकसभा में पेश किया गया था। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर देश के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने और ग़लत सूचनाएं फ़ैलाने का भी आरोप लगाया था।
During the passage of the Bill, wrong facts, misleadingly information, wrong logic were produced by the HM. History was distorted. The idea behind the bill is to stoke fear in Muslims and divide the nation.
We condemn#CitizenshipAmendmentBill— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 10, 2019
अब्दुर्रहमान ने वीआरएस के लिए किया था आवेदन
अब्दुर्रहमान ने वीआरएस (स्वैच्छिक रिटायरमेंट स्कीम) को लेकर महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी भी ट्वीट की है, जिसमें लिखा गया है कि उन्होंने इस साल अगस्त में वीआरएस के लिए आवेदन किया था, लेकिन 25 अक्तूबर को वो आवेदन रद्द कर दिया गया।
उन्होंने इसके ख़िलाफ़ नवंबर में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्राइब्यूनल में भी अपील की है। अभी इस मामले में सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है। अब्दुर्रहमान ने लिखा है कि अभी उनके आवेदन पर कोई आख़िरी फ़ैसला नहीं आया है, लेकिन इस बीच कैब के ख़िलाफ़ उन्होंने 12 दिसंबर से नौकरी छोड़ने का फ़ैसला किया है।
दोनों सदनों में विधेयक हुआ पास
लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी इसे पास कर दिया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये विधेयक क़ानून बन जाएगा। एक ओर जहां इस विधेयक के पक्ष में सरकार अपना तर्क दे रही है, वहीं इसके विरोध में भी स्वर तेज़ किए हुए हैं। असम में विरोध प्रदर्शनों की आग तेज़ हुई है और राज्य के कई इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है।
नागरिकता संशोधन विधेयक में पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए ग़ैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। विरोधी इसे धर्म के आधार पर नागरिकता देने का मामला कहते हुए इसे संविधान के ख़िलाफ़ बता रहे हैं। माना जा रहा है कि इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।