आगरा। जिले के खंदौली थाना क्षेत्र में स्थिति गांव नहर्रा में भाईयों का जमीनी विवाद सुलझाने गए दारोगा प्रशांत कुमार यादव की बुधवार शाम गोली मारकर हत्या (Firing on SI Prashant Kumar) कर दी थी। हत्यारोपी की तलाश में रातभर गांव और उसके आसपास के क्षेत्र में पुलिस टीमों का सर्च ऑपरेशन चला। मगर आरोपी और उसका परिवार का कोई भी सदस्य पुलिस के हाथ नहीं आया।
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आशंका है कि, आरोपी और उसके परिजन गांव से सटी नदी को पार करके हाथरस जिले की सीमा में प्रवेश कर गया है। पुलिस टीमें संभावित स्थानों पर आरोपी और उसके परिजनों की तलाश में दबिश दे रही हैं। वहीं, दारोगा प्रशांत कुमार यादव की हत्या की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी और मां सहित अन्य परिजन भी खंदौली के सरकारी अस्पताल पर देर रात पहुंच गए। उन्होंने हंगामा करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने 24 घंटे में आरोपी की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
@agrapolice थाना खंदौली में दो भाईयों के मध्य हो रहे झगड़े के दौरान सूचना पर पहुंचे शहीद उपनिरीक्षक प्रशान्त यादव को पुलिस लाइन आगरा में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी तथा उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हेतु उनके पैतृक गांव रवाना किया गया। pic.twitter.com/AeQ8cF21uI
— AGRA POLICE (@agrapolice) March 25, 2021
रात भर चला सर्च ऑपरेशन
दारोगा प्रशांत कुमार यादव की हत्या की खबर मिलते ही एडीजी राजीव कृष्ण, आईजी के साथ ही एसएसपी बबलू कुमार और कई थानों का फोर्स गांव नहर्रा पहुंच गए। पूरा गांव छावनी में बदल गया। एडीजी ने कई टीमों का गठन किया और आरोपी की तलाश में दबिश देने के लिए रवाना की। इसके साथ ही कई थानों के पुलिस फोर्स ने गांव नहर्रा और उसके आसपास के गांव में सर्च ऑपरेशन रात भर चलाया लेकिन, आरोपी विश्वनाथ और उसके परिवार का कोई भी सदस्य पुलिस टीम के हाथ नहीं आया है।
सरकार ने दिया शहीद का दर्जा
दबंग विश्वनाथ द्वारा गोली मारकर दारोगा प्रशांत कुमार यादव की हत्या करने के बाद से आगरा से लखनऊ तक पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सरकार ने मृतक दारोगा प्रशांत कुमार यादव को शहीद का दर्जा दिया है। साथ ही परिवार को 50 लाख रुपये की तत्काल आर्थिक राहत के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और गांव में उनके नाम से सड़क बनाने का भी ऐलान किया है।
2007 में चर्चा में आया था गांव नहर्रा
बता दें गांव नहर्रा सन् 2007 में भी चर्चाओं में आया था। उस समय गांव में प्रेमी और प्रेमिका की हत्या करके शव दफना दिए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस को सिर्फ राख मिली थी। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। तमाम लोगों की गिरफ्तारी हुई। मगर, साक्ष्यों के अभाव में सभी आरोपी बरी हो गए। अब एक बार फिर 24 मार्च 2021 को दरोगा की हत्या से गांव चर्चा में आया है।
जिले के खंदौली थाना क्षेत्र में बुधवार देर शाम को एक दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गौरतलब है कि क्षेत्र के गांव मेहरा में दारोगा प्रशांत यादव और दो पुलिस कर्मी एक मामले में जांच के लिए गए थे। इस दौरान एक आरोपी ने दारोगा पर गोली चला दी। घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
ये था घटनाक्रम
जिले के खंदौली के गांव नहर्रा निवासी शिवनाथ सिंह का बुधवार सुबह अपने छोटे भाई विश्वनाथ सिंह से आलू खुदाई को लेकर विवाद हो गया। मामला पुलिस तक पहुंच गया। इस पर दारोगा प्रशांत अपने सहकर्मियों संग मौके पर पहुंच गए। उनकी मौजूदगी में आलू खुदाई हुई। शाम तकरीबन सात बजे पुलिस ने विश्वनाथ को हंगामा करने के आरोप में पकड़ लिया. पुलिस आरोपी को अपने साथ लेकर आने लगी। विश्वनाथ के पास तमंचा था। आरोप है कि उसने मौका देखकर तमंचे से दारोगा प्रशांत पर गोली चला दी। दारोगा की मौके पर ही मौत हो गई. घटना से गांव में अफरा-तफरी मच गई. सूचना पर एसएसपी बबलू कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारी पहुंच गए. पुलिस टीम जांच में जुटी है।
सीएम ने दुख जताया
दारोगा प्रशांत यादव की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। उन्होंने दारोगा के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही कहा है कि ड्यूटी पर शहीद हुए दारोगा के नाम पर सड़क का नामकरण किया जाएगा और परिवार में निर्भर व्यक्ति को योग्यतानुसार नौकरी दी जाएगी।
खंदौली में थी तैनाती
दारोगा प्रशांत यादव की तैनाती खंदौली थाना में थी। वह वर्ष 2015 में यूपी पुलिस में दारोगा पद पर भर्ती हुए थे। दारोगा प्रशांत यादव मूल रूप से बुलंदशहर के छतारी के रहने वाले थे। पुलिस ने परिजनों को सूचना दी तो घर में कोहराम मच गया।