कोल्लम: प्रवेश परीक्षा देने के लिए छात्राओं को कड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है एक प्रकार से NEET के एग्जाम के नियन अश्लीलता पर उतर चुके है। मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा NEET के एग्जाम में बैठने के लिए छात्राओं को इनरवियर उतारने पर मजबूर किया गया था। इस मामले में केरल पुलिस ने मंगलवार को केस दर्ज कर लिया है। इसके बाद यह मामला अब संसद तक पहुंच गया है।
इसके बाद अब यह मामला अब संसद तक पहुंच गया है। लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कोल्लम में नीट परीक्षा में बैठने के लिए छात्राओं को इनरवियर उतारने पर मजबूर किए जाने की घटना पर सदन में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
केरल पुलिस ने इस मामले में बताया कि कोल्लम जिले के अयूर में रविवार को निजी शिक्षण संस्थान में नीट परीक्षा आयोजित थी। इस दौरान अपमानजनक अनुभव का सामना करने वाली एक लड़की ने आईपीसी की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि महिला अधिकारियों की एक टीम ने लड़की का बयान दर्ज करने के बाद मामला दर्ज किया। इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है और इस कृत्य में शामिल लोगों की जल्द गिरफ्तार होगी।
आपको बता दें कि, सोमवार को 17 साल की एक लड़की के पिता ने मीडिया को बताया कि उनकी बेटी को नीट परीक्षा देते हुए 3 घंटे से अधिक समय तक बिना अंत:वस्त्र के बैठना पड़ा था। अब तक वह उस सदमे से बाहर नहीं आ पाई है, लड़की के पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने नीट बुलेटिन में बताए गए ड्रेस कोड के अनुसार ही कपड़े पहने थे, जिसमें इनरवियर को लेकर कुछ नहीं कहा गया फिर भी यह हरकत की गई।
परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए छात्राओं को मेटल डिटेक्शन स्टेज पर इनरवियर हटाने के लिए कहा गया था। ड्रेस कोड के मुताबिक, छात्राओं को परीक्षा हॉल में प्रवेश करते समय कोई भी धातु की वस्तु या सामान ले जाने की अनुमति नहीं है। सुरक्षा जांच के दौरान ब्रा की हुक की वजह से मेटल डिटेक्टर की बीप बजने लगी, इसके बाद छात्राओं से ब्रा उतरवा लिए गए।
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छात्राओं ने बताया कि रविवार को जब वे परीक्षा देकर बाहर निकलीं तब उनके सारे अंडरगारमेंट्स डिब्बों में एक साथ फेंके हुए मिले। केरल के मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में स्थित अयूर चदायमंगलम केंद्र ने यह कहते हुए घटना की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है कि छात्राओं की तलाशी और बायोमेट्रिक जांच बाहरी एजेंसियों द्वारा की गई थी।