फर्जी टीआरपी घोटाला मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं। मुंबई पुलिस द्वारा अपने दूसरे आरोप पत्र में अर्नब को आरोपी बनाया है, मंगलवार को पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अर्नब के वकील ने बताया कि पुलिस द्वारा जमा की गई चार्जशीट में एआरजी आउटलायर का भी नाम शामिल किया गाय है।
ये टीआरपी घोटाला पिछले साल अक्टूबर में सामने आया था, बार्क ने हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी। पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा था कि टीआरपी के इस खेल में रिपब्लिक ने बार्क के पूर्व प्रमुख पार्थो दासगुप्ता को घूस दिया था।
चार्जशीट में पुलिस ने अर्नब समेत पांच लोगों को नामजद किया है। अर्नब के अलावा एआरजी आउटलियर मीडिया (जिसके पास रिपब्लिक टीवी है) के चार लोगों के नाम हैं। पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल 1800 पन्नों की चार्जशीट में इसका जिक्र किया गया है।
इस मामले में सीओओ प्रिया मुखर्जी, शिवेंदु मुलेकर, शिव सुंदरम भी सह आरोपी हैं। जिन्हें पहले वांटेड दिखाया गया था। पुलिस अब तक 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जिसमें बार्क के सीईओ पार्थो दास गुप्ता और रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी भी शामिल हैं।
गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के मालिक – एआरजी आउटलियर मीडिया की याचिका में 6 अक्टूबर, 2020 को दर्ज प्राथमिकी और इस मामले में दायर दो आरोपपत्रों को रद्द करने की मांग की गई थी। इन्होंने दावा किया था कि प्राथमिकी या चार्जशीट में आरोपी के रूप में नाम न होने के बावजूद, चैनल और उसके ‘chalak-malak’ को संदिग्ध श्रेणी में रखा गया ताकि उन्हें टेंटरहुक पर रखा जा सके और परेशान किया जा सके।
जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली थी और पुलिस को निर्देश दिया था कि अगर वे गोस्वामी को तलब करने या उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने का फैसला करते हैं तो उन्हें तीन दिन का अग्रिम नोटिस देना होगा। पुलिस ने 12 सप्ताह के भीतर उसके खिलाफ जांच पूरी करने की बात कही थी।