संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान मई में ससंद तक पैदल मार्च करेंगे। मोर्चा ने अगले दो महीनों के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा, मोर्चा की कल बैठक हुई थी जिसमें फैसला लिया गया कि किसान संसद तक मार्च करेंगे। मार्च की तिथि अब तक तय नहीं हुई है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, इसमें न केवल किसानों को, बल्कि बल्कि महिलाओं, बेरोजगार व्यक्तियों और श्रमिकों को भी शामिल किया जाएगा जो आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।
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किसानों को सहयोग की जरूरत: नायडू
उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने किसानों की स्थिति में सुधार के लिए अति आवश्यक सुधारों की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि सरकारों को कर्जमाफी से इतर सोचना चाहिए क्योंकि अब कृषकों को अवसंरचना एवं बिजली आपूर्ति के रूप में सहयोग की जरूरत है। उन्होंने इस बात आह्वान भी किया कि सहकारी कदम उठाए जाएं और किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करके एक ऐसा ढांचा तैयार किया जाए कि किसानों को ठोस नतीजें मिल सकें। वह भारत में कृषि से संबंधित एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
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आधिकारिक बयान के मुताबिक, उप राष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं का गांवों की तरफ लौटना और खेती में आधुनिक तकनीकों की शुरुआत करना उत्साहजनक चलन है और इसमें आगे तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए केंद्र और राज्यों को इसे शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए और समन्वित कदम उठाने चाहिए।
नायडू ने कहा कि कृषि की दिशा में संसद, नेताओं, नीति निर्माताओं और प्रेस को सक्रिय रूप सकारात्मक रुख दिखाने की जरूरत है।