अमरोहा। यूपी के अमरोहा में कुछ गांवों के ग्रामीणों ने कृषि बिल के विरोध (protest against agriculture law) में दूध बेचना बंद कर दिया है। ग्रामीण दूध सौ रुपये प्रति लीटर बेचने की मांग की है। गांव की डेरियों ने भी दूध खरीदना बंद करने के साथ ही दूध सप्लाई वाली गाड़ी को भी बैन कर दिया है।
किसान पंचायत के नाम पर विपक्ष सेंक रहा रोटियां: मीनाक्षी लेखी
जिले की तहसील धनोरा के आधा दर्जन गांवों के किसानों ने कृषि बिल के विरोध का अनोखा तरीका अपनाया है। यहां के ग्रामीणों ने शहर में दूध बेचना बंद कर दिया है। ग्रामीण दूध सौ रुपये प्रति लीटर बेचने की मांग की है। गांव की डेरियों को भी दूध देना बंद कर दिया है। ग्रामीणों दूध सप्लाई वाली गाड़ी को भी गांव के अंदर आने से भी मना कर दिया है। ग्रामीणों ने एलान किया है कि गांव में दूध की गाड़ी लाने वाले चालक को बंधक बनाकर 11 हजार रुपए का जुर्माना भी वसूला जाएगा. वहीं महिलाओं का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर अब दूध नहीं बेचेंगे।
सौ रुपये लीटर ही बेचेंगे दूध
धनोरा तहसील के रसूलपुर माफी, सवाजपुर, चुचेला अन्य गांव में कृषि बिल के विरोध में किसानों ने दूध बेचना बंद कर दिया है। किसान लगातार कृषि बिल के विरोध में अपना विरोध दर्ज कराने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। कभी किसान अपनी लहराती हुई फसल को नष्ट करते हैं तो कभी गाजीपुर जाकर प्रदर्शन करते हैं लेकिन अब किसानों का कहना है कि हम किसी भी कीमत पर अपना दूध सौ रुपये लीटर से कम नहीं बेचेंगे। पिछले कई वर्षों से दूध के रेट नहीं बड़े हैं पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं रसोई गैस के दाम बढ़ रहे हैं लेकिन जो किसान की सामग्री है अभी तक उसके रेट बजाए बढ़ने के घटते चले जा रहे हैं।
भाजपा नेताओं को दी चुनौती
किसानों ने अपने गांव में बीजेपी नेताओं को आने की खुली चुनौती दी है। किसानों का कहना है कि बीजेपी के मंत्री लगातार कहते हैं आय दुगनी हो गई लेकिन भाजपा के मंत्री गांव में आकर खुले मंच पर उस गणित को बता दें जिसमें किसानों की आय दुगनी हुई है। किसानों ने अपने दूध को बाहर बेचने से साफ इंकार कर दिया है। किसान दूध के रेट सौ रुपये प्रति किलो की मांग कर रहे हैं।