ऩई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra singh Tomar) ने शनिवार को दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे किसानों से अपील की कि वे Covid-19 के दूसरे लहर को देखते हुए दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध स्थगित करें और इस बारे में केंद्र सरकार से चर्चा करें। उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
ए तोमर ने कहा, “मैंने कई बार संगठन के नेताओं से कोविड -19 के मद्देनजर बच्चों और बड़े लोगों को घर वापस जाने के लिए कहा था। अब दूसरी लहर भी शुरू हो गई है, किसानों और उनकी यूनियनों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। विरोध को स्थगित करना चाहिए और हमारे साथ विचार-विमर्श करना चाहिए।”
कई किसान संघ कृषि विधेयकों का समर्थन कर रहे हैं
मंत्री ने कहा कि कई किसान संघ और इकोनॉमिस्ट ऐसे भी हैं जो कृषि विधेयकों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन कुछ किसान बिलों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने विरोध कर रहे किसान संघों के साथ 11 बार बातचीत की है और कहा कि वे और बातचीत के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने समस्याग्रस्त क्षेत्रों पर चर्चा करने और उनमें बदलाव करने की पेशकश की थी, लेकिन किसान संघों ने इसे स्वीकार नहीं किया और इस प्रस्ताव को स्वीकार करने का कोई कारण भी नहीं दिया। आंदोलन तब जारी रखना चाहिये जब सरकार बात करने के लिए तैयार नहीं होती लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। यहां सराकार के बातचीत के पेशकश के बाद भी यूनियनों ने इसे वैसे भी जारी रखने का फैसला किया है।
किसान पिछले साल के नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं
दरअसल, किसान तीन नए अधिनियम वाले कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये अधिनियम हैं किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 ।