लखनऊ डेस्क। करसोग की दिव्यांग शशि ठाकुर राज्य सरकार से आर्थिक मदद न मिली तो रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे लेकर नेपाल पहुंच गईं और भारतीय कबड्डी टीम की झोली में गोल्ड डाल दिया। किसान परिवार में जन्मीं शशि विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए भारतीय एशियन पैरा कबड्डी टीम में शामिल हुईं और मजबूत इरादों से सफलता की कहानी लिखी।
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आपको बता दें ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी एक लड़की के लिए घर की चौखट लांघना आसान काम नहीं था। उसने किसी तरह से परिवार को राजी किया, लेकिन इस सब के लिए 23 हजार खर्च आना था। इसे खिलाड़ी को खुद वहन करना था। शशि ठाकुर कहती हैं इस दौरान सरकार से भी कोई वित्तीय मदद नहीं मिल पाई। जीवन के इस संघर्ष के दौर में रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे एकत्रित किए। शशि ठाकुर ने कहा कि अब उसका का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैरा बैडमिंटन में भी गोल्ड मेडल हासिल करने का है।
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जानकारी के मुताबिक नेपाल में 24 अगस्त को संपन्न हुए एशियन पैरा कबड्डी मैच में भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है। टीम में हिमाचल की एकमात्र सदस्य करसोग की शशि ठाकुर भी रहीं। इस उड़ान में शशि ने शारीरिक चुनौती को बाधा नहीं बनने दिया।