नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में ‘किसान रेल’योजना के बारे में बताया है। ऑस योजना से पूरे देश के किसानों को लाभ होगा क्योंकि वे शहरी क्षेत्रों में अपनी उपज बेच सकेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहली किसान रेल मुंबई और बिहार के बीच शुरू कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि किसान रेल की वजह से अब किसानों को अपनी उपज को औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। इससे रास्ते में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के छोटे किसानों को भी फायदा होगा। वे बड़े महानगरों के बाजार से सीधे जुड़ जाएंगे।
इससे किसान रेलों से शहर के उपभोक्ता को भी लाभ होगा। फल-सब्जियों की ढुलाई का भाड़ा कई गुना कम हो जाएगा। मौसम और दूसरे संकट के समय शहरों में ताजा फल और सब्जियों की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इससे किसान फल-सब्जी और दूध आदि के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगे और कीमत का खेल खेलने वालों के लिए मौका खत्म हो जाएगा।
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मोदी ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न इस संकटकाल से निपटने में देश के किसानों के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसानों के चलते भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था आज भी मजबूत है और इससे पूरी अर्थव्यवस्था को सहारा मिला हुआ है।
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि संकट के इस दौर में,हमारे किसानों ने पिछले छह माह में यह दिखा दिया है कि हमारा ग्रामीण और कृषि क्षेत्र आपदा में देश की कितनी बड़ी मदद कर सकता है। किसानों की तपस्या से ही‘हम 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन सामग्री देने में कामयाब हो पाए है।
प्रधानमंत्री ने कहा,भारत की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था संकट में भी मजबूत है। हमने इस दौरान बीज और उर्वरकों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। किसानों ने महामारी के खतरे के बीच भी कटाई-बुवाई में रिकॉर्ड को बनाए रखा हैं।
मोदी ने कहा कि देश में आज समस्या कृषि उत्पादन को लेकर नहीं, बल्कि कटाई के बाद होने वाले नुकसान को लेकर है। उन्होंने कहा कि कृषि अवसंरचना कोष,कटाई बाद फसल प्रबंधन अवसंरचना और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों जैसे कि शीत भंडार गृह,संग्रह केंद्रों, प्रसंस्करण इकाइयां आदि बनाने में मददगार होगा।