नई दिल्ली । पद्म विभूषण से सम्मानित और बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार, मूर्तिकार, लेखक और वास्तुकार सतीश गुजराल का 94 साल की उम्र में निधन हो गया। वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के छोटे भाई थे।
भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सन 1999 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया
भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सन 1999 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। 1925 में लाहौर में जन्मे गुजराल ने विभाजन का दुख और भयावहता देखी। इसके बाद वह सिमला चले गए, जहां उन्होंने खुद को पेंटिंग में तल्लीन कर लिया। सतीश को कला का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बार प्राप्त हो चुका है।
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सतीश गुजराल ने कई पुरस्कार जीते, जिनमें मेक्सिको का ‘लियो नार्डो द विंसी’ और बेल्जियम के राजा का ‘आर्डर आफ क्राउन’ पुरस्कार शामिल
दो बार चित्रकला के लिए एवं एक बार मूर्तिकला के लिए। इनका विवाह किरण गुजराल के साथ हुआ। इनका बेटा एक प्रसिद्ध वास्तुकार है। इनकी बड़ी बेटी अल्पना ज्वैलरी डिजाइनर है एवं छोटी बेटी रसील इंटीरियर डिजाइनर है। सतीश गुजराल ने कई पुरस्कार जीते। जिनमें मेक्सिको का ‘लियो नार्डो द विंसी’ और बेल्जियम के राजा का ‘आर्डर आफ क्राउन’ पुरस्कार शामिल हैं। सतीश गुजराल के चित्रों में आकृतियां प्रधान हैं। पशु और पक्षियों को उनकी कला में सहज स्थान मिला। इतिहास, लोककथा, पुराण, प्राचीन भारतीय संस्कृति और विविध धर्मों के प्रसंगों को उन्होंने अपने चित्रों में उकेरा है।
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पद्म विभूषण से सम्मानित गुजराल वास्तुकार, चित्रकार, भित्तिचित्र कलाकार और ग्राफिक कलाकार थे
पद्म विभूषण से सम्मानित गुजराल वास्तुकार, चित्रकार, भित्तिचित्र कलाकार और ग्राफिक कलाकार थे। उनके प्रमुख कामों में दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर की दीवार पर अल्फाबेट भित्तिचित्र शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली में बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया था।
होसकोटे ने अपनी संवेदनाएं जताते हुए ट्वीट किया कि गुजराल बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें
गुजराल की कलाकृतियों में उनके शुरुआती जीवन के उतार-चढ़ाव की झलक देखने को मिलती है जिनमें बचपन में उनके सुनने क्षमता को बाधित करने वाली बीमारी और देश का विभाजन शामिल है। होसकोटे ने अपनी संवेदनाएं जताते हुए ट्वीट किया कि 1950 की शुरुआत में पेरिस या लंदन गए उनके कई साथियों से अलग गुजराल डिएगो रिवेरा और सिक्वेरोस के साथ पढ़ने के लिए मैक्सिको शहर गए थे। गुजराल बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
सुप्रसिद्ध कलाकार श्री सतीश गुजराल जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिजनों और उनकी कृतियों के असंख्य प्रशंसकों को धैर्य और सांत्वना दें। सतीश गुजराल जी का निधन भारतीय कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
— Vice President of India (@VPSecretariat) March 27, 2020
सतीश गुजराल जी का निधन भारतीय कला जगत के लिए अपूर्णीय क्षति : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मशहूर चित्रकार और लेखक सतीश गुजराल के निधन पर दुख व्यक्त किया। नायडू ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। उन्होंने कहा कि ईश्वर उनके परिजनों और उनकी कृतियों के असंख्य प्रशंसकों को धैर्य और सांत्वना दें। सतीश गुजराल जी का निधन भारतीय कला जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है।
Satish Gujral Ji was versatile and multifaceted. He was admired for his creativity as well as the determination with which he overcame adversity. His intellectual thirst took him far and wide yet he remained attached with his roots. Saddened by his demise. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि सतीश गुजराल के निधन से दुखी हूं, ओम शांति.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर कलाकार एवं वास्तुकार सतीश गुजराल के निधन पर शुक्रवार को शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता ने उन्हें प्रतिकूल परिस्थितयों से उबरने में मदद की। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि सतीश गुजराल बहुमुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। वे अपनी रचनात्मकता और दृढ़ प्रतिबद्धता के कारण सम्मान पाते थे, जिसने उन्हें प्रतिकूल परिस्थितयों से उबरने में मदद दी।उन्होंने कहा कि गुजराल की बौद्धिक जिज्ञासा उन्हें काफी आगे ले गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके निधन से दुखी हूं। ओम शांति.’