नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को यस बैंक की विफलता के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार में अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने की योग्यता नहीं है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में यस बैंक की जो स्थिति है वह भाजपा सरकार की निगरानी में वित्त संस्थानों के कुप्रबंध का ही परिणाम है।
भारत में निजी क्षेत्र से जुड़े पांचवें सबसे बड़े बैंक की खस्ता हालत की सरकार और वित्तमंत्री ने जनता और मीडिया से छिपाने की कोशिश
कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि भारत में निजी क्षेत्र से जुड़े पांचवें सबसे बड़े बैंक की खस्ता हालत है। इसकी जानकारी सरकार और वित्तमंत्री ने जनता और मीडिया से छिपाने की कोशिश की है। हालांकि भाजपा सरकार में हुआ यह वित्तीय कुप्रबंध जनता के सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित एवं नियमित रखने की अयोग्यता अब उजागर हो रही है।
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ऐसे में बड़े पैमाने पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार सरकार वित्तीय संस्थानों के साथ कर क्या रही है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि अर्थव्यवस्था और निजी बैंकों के हालात स्पष्ट कर रहे हैं कि वित्तीय संस्थान का प्रबंधन करना सरकार के बस की बात नहीं है। ऐसे में बड़े पैमाने पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार सरकार वित्तीय संस्थानों के साथ कर क्या रही है? इस दौरान उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया का यस बैंक की मौजूदा स्थिति से जनता को अवगत कराने के लिए धन्यवाद दिया।
यस बैंक के शेयर लेने जा रही एसबीआई के खुद के शेयरों की कीमत भी 18 रुपये घटी
चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था की असल स्थिति शेयर बाजार जाहिर करता है। शुक्रवार को सेंसेक्स में 884 अंकों की गिरावट आई जिससे स्पष्ट होता है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। इतना ही नहीं यस बैंक के शेयर लेने जा रही एसबीआई के खुद के शेयरों की कीमत भी 18 रुपये घटी है, वहीं यस बैंक का शेयर 36.80 रुपये से गिरकर 16.15 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार का यह हाल वित्तीय संस्थानों के कुप्रबंधन का ही नतीजा है।