नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में तीन-तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी कर दी है।
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इसके साथ ही सरकार के तरफ से जारी एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क को दो रुपये से बढ़ाकर आठ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला सड़क उपकर भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया
इसके अलावा, पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला सड़क उपकर भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। उत्पाद शुल्क में बढ़ोत्तरी का नतीजा सामान्य तौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के रूप में सामने आता है, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय दरों में गिरावट के हिसाब से समायोजित हो जाएगी और कीमतों में इजाफा नहीं होगा।
प्राइस वॉर के कारण घटी पेट्रोल और डीजल की कीमतें
सऊदी अरामको द्वारा तेल का उत्पादन बढ़ाने की घोषणा के बाद से ही तेल की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई थी। इससे पहले कोरोना को लेकर चिंता के कारण कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखी गई थी। अरामको ने रूस से उत्पादन घटाने की गुजारिश की थी, लेकिन मास्को के मना करने के बाद भड़के अरामको ने उत्पादन बढ़ाने की घोषणा कर दी।