लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि सरकार ने निकायों को एक बड़ी धनराशि विकास कार्यों हेतु अवमुक्त की है। इसके माध्यम से मूलभूत आवश्यक नागरिक सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु कार्ययोजना बनाकर सभी निकाय युद्ध स्तर पर विकास के कार्य गुणवत्तापरक ढ़ग से करना सुनिश्चित करें।
मंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के मद में लगभग 4000 करोड़ से अधिक धनराशि निकायों के पास अवशेष है। प्राथमिकता के आधार पर उक्त मद से अमृत योजनान्तर्गत पेयजल एवं सीवरेज हेतु निकायों में किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि कार्यों के निकाय अंश तथा ठोस अपशिष्ट के निस्तारण से संबंधित दायित्वों को पूर्ण किये जाने संबंधी परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से सुनिश्चित करने के साथ ही साथ नदियों अथवा तालाबों में यदि कोई नाला प्रवाहित हो रहा हो। तो उसके शोधन के लिये समस्त निकाय बायोरेमिडेएशन की पद्धति पर तत्काल उक्त नाले के ट्रीटमेन्ट संबंधित परियोजनाओं पर कार्यवाही सुनिश्चित करें।
उक्त मद से संबंधित धनराशि का समुचित सदुपयोग गुणवत्तापरक योजनाओं का क्रियान्वयन करते हुए प्रत्येक दशा में वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व कार्य सुनिश्चित कराया जाये। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 55 नये नगरीय निकाय सृजित किये गये है। अनेक निकायों में सीमा विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि नवगठित व सीमा विस्तारित निकायों में ग्राम सभा एवं सार्वजनिक उपयोगिता की भूमि की सुरक्षा हेतु राजस्व कर्मियों के साथ संयोजन कर अभियान चलाते हुए समस्त निकायों में सार्वजनिक उपयोगिता की भूमि चिन्हिाकित कर अतिक्रमण मुक्त कराया जाये।
मंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग 15.63 लाख लाभार्थी प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत चिन्हित किये गये हैं। अभियान चलाकर अवशेष समस्त पात्र लाभार्थियों का चयन समयबद्ध रूप से किया जाना सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ ही चिहिन्त लाभार्थियों के आवास के निर्माण के विषयगत धनराशि का हस्तांतरण करने संबंधी कार्यवाही समयबद्ध रूप से सुनिश्चित की जायें।
उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत सभी निकाय ओडीएफ एवं ओडीएफ के मानकों को पूर्ण करने हेतु लक्ष्य बनाकर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। राज्य में अभी तक 217 निकाय ओडीएफ प्रमाणित हुए है। यह सुनिश्चित किया जाये कि समस्त निकाय 31 मार्च तक ओडीएफ अवश्य घोषित हो जायें।
पं0 दीन दयाल उपाध्याय आदर्श नगर योजना, कान्हा गोशाला योजना, अन्तेष्टि स्थल के निर्माण संबंधी योजना एवं अन्य योजनाओं के विषयगत समीक्षा करते हुए निर्देश दिये गये कि उपरोक्त से संबंधित कार्य योजना एवं भौतिक तथा वित्तीय प्रगति शत प्रतिशत सुनिश्चित की जाये। कार्यों के चयन एवं परियोजना के क्रियान्वयन में गुणवत्ता सुनिश्चित की जायें। यदि परियोजना के क्रियान्वयन में गुणवत्ता की कमी पायी जाती है तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेंगी।
आशुतोष टंडन ने निर्देश दिए कि गंगा यात्रा हेतु सभी निकाय भली-भांति विशेष सफाई अभियान सुनिश्चित करते हुए गंगा नदी के राष्ट्रीय घरोहर के महत्व एवं इसके प्रदूषण मुक्त किये जाने हेतु आम-जन-मानस की व्यापक जन सहभागिता सुनिश्चित करें। इसके उद्देश्य के अनुरूप समुचित प्रसार- प्रचार सुनिश्चित करें। गंगा नदी के किनारे अवस्थित शहर व निकाय गंगा पार्क के रूप में अपने क्षेत्र में एक पार्क को विकसित करें, जिसमें हरियाली के साथ-साथ आम-जन-मानस के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यथा आवश्यक सुविधायें विकसित की जाये।
मंत्री ने निर्देश दिया कि यदि गंगा एवं उसकी सहवर्ती नदियों में यदि कोई नाला गिर रहा है तो वहां तत्काल बायो-रिमेडिएशन की कार्यवाही निकायों द्वारा सुनिश्चित की जाये। उपरोक्त के साथ-साथ सभी शहर स्थानीय स्तर पर जल प्रदूषण एवं वायु-प्रदूषण के विषयगत बनाये गये। एक्शन प्लान के परिपे्रक्ष्य में समयबद्ध रूप से अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करें जिससे कि नगरों में जल प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।
आमजन की सुविधा हेतु विकसित वेब पोर्टल आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निस्तारण तत्परता के साथ समयबद्ध रूप से सुनिश्चित किया जाये। साथ ही साथ सभी निकाय विकासपरक योजनाओं का क्रियान्वयन आम जनमानस को मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित करने के लक्ष्य के प्रति संकल्पित होकर क्रियान्वित करना सुनिश्चित करें।
अंत में सभी अधिकारियों को इस आशय के कठोर निर्देश दिये गये कि विकास कार्यों में लापरवाही व शिथिलता अथवा गुणवत्ता में कमी और दिये गये निर्देशों के अनुरूप ससमय कार्य के पूर्ण न किये जाने पर उत्तरदायित्व का निर्धारण करते हुए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
नगर विकास विभाग मंत्री आशुतोष टंडन ने गुरुवार को विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के विषयगत समस्त नगरीय निकायों के अधिकारी यथा नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, जनपद के प्रभारी अधिकारी- स्थानीय निकाय, मण्डलों के अपर आयुक्त के साथ-साथ शासन के वरिष्ठ अधिकारी यथा प्रमुख सचिव, सचिव, निदेशक-स्थानीय निकाय, निदेशक सूडा के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।