छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें 5 जवान शहीद हो गए हैं। करीब 3 घंटे से ज्यादा चली मुठभेड़ में कोबरा के 1, बस्तरिया बटालियन के 2 और डीआरजी के 2 जवान शहीद हो गए। बस्तर आई जी सुदंरराज ने बताया कि अभी तक 9 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है, जबकि 15 से ज्यादा घायल हैं। स्थिति स्पष्ट करने में और समय लग सकता है। घटनास्थल पर 250 से ज्यादा नक्सली हो सकते हैं। मरने वालों में एक महिला नक्सली भी है। मुठभेड़ तर्रेम थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 17 जवान अब घायल हो चुके हैं। इनमें से 7 को एयरलिफ्ट कर रायपुर ले जाया जा रहा है। एसपी कमल लोचन कश्यप ने मुठभेड़ की पुष्टि की है।
मुठभेड़ झीरम हमले के मास्टरमाइंड हिड़मा के गांव में हुई है। हमला करने वाले नक्सली उसी की टीम के सदस्य थे। काफी लंबे समय से गांव में नक्सलियों का जमावड़ा लग रहा था। इसकी सूचना पर जवान पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक, 2 अप्रैल की रात बीजापुर और सुकमा से जवानों को नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले दक्षिण बस्तर इलाके में ज्वाइंट आॅपरेशन के लिए भेजा गया था। इस पार्टी में बीजापुर के तर्रेम से 760, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा के मिनपा से 483 और नरसापुरम से 420 जवान रवाना किए गए थे।
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अगले दिन शनिवार दोपहर करीब 12 बजे सुकमा-बीजापुर बार्डर पर सुकमा जिले के जगरगुंडा क्षेत्र के जोनागुड़ा गांव के पास नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। करीब चार से पांच घंटे चली मुठभेड़ शाम 5 बजे तक खत्म हो गई। इसके बाद बैकअप के लिए एक्स्ट्रा फोर्स भेजी गई है। वहीं, शहीद जवानों के शव और घायल जवानों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर भी भेजे गए। शाम तक मुठभेड़ के बारे में आधिकारिक जानकारी दिए जाने की उम्मीद है। शहीद जवानों का पोस्टमार्टम रविवार को होगा। मुठभेड़ झीरम हमले के मास्टरमाइंड हिड़मा के गांव में हुई। हमला करने वाले नक्सली उसी की टीम के सदस्य थे। छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में भी 5 जवान शहीद हुए थे। यह हमला नक्सलियों ने नारायणपुर में ब्लास्ट के जरिए किया था।