लखनऊ। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य के 55 हजार से अधिक स्कूलों में डिजिटल (Digital Schools) और आर्टिफिशयिल इंटेलीजेंस (एआई) आधारिक शिक्षा सामग्री उपलब्ध कराने के लिये विश्व के अग्रणी एआई-आधारित एडटेक प्लेटफॉर्म ‘एम्बाईब’ के साथ एक गैर-वित्तीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
अधिकृत सूत्रों ने बुधवार को बताया कि प्रदेश सरकार उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 40 हजार स्मार्ट क्लासरूम (Smart Classroom) , ब्लॉक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) के 880 ब्लॉकों में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) लैब स्थापित करने के लिए पर्याप्त निवेश कर रही है और एम्बाईब के साथ साझेदारी उत्तर प्रदेश में विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के दिशा निर्देशों के अनुरूप सर्वोत्तम डिजिटल शिक्षा सामग्री प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पेटेंट तकनीक द्वारा संचालित एम्बाईब की एआई आधारित कक्षा सामग्री पाठ की प्रभावशीलता जांचने के लिए एक विस्तृत ट्रैकिंग की सुविधा देती है, जिसका उपयोग राज्य भर में स्मार्ट कक्षाओं को सशक्त बनाने के लिए किया जाएगा।
उन्होने बताया कि विद्यार्थियों और शिक्षकों को स्वयं सीखने वाले ऐप से भी लाभ मिलेगा, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक शामिल है जो कम इंटरनेट गति पर भी काम करती है। महंगे बुनियादी ढांचे में निवेश के बिना आम विद्यार्थी को ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर तकनीक) की सुविधा दी जाएगी। वर्चुअल प्रयोगों को शामिल करने पर, आकर्षक शैक्षिक सामग्री शिक्षा को अधिक प्रभावी बना देती है।
एम्बाईब की संस्थापक और सीईओ अदिति अवस्थी ने कहा कि “एक ऐसे एडटेक प्लेटफॉर्म और सामग्री का निर्माण जो उत्तर प्रदेश सरकार के ‘निपुण भारत’ विजन को पूरा कर सके, मेरे जीवन भर का सपना रहा है, जो ग्यारह वर्षों के दृढ़ संकल्प के बाद ही साकार हो सका है। हम इस अवसर के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के आभारी हैं और इस साझेदारी की सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम भरोसा दिलाते हैं कि हम अंतिम विद्यार्थी तक प्रभाव डालने के लिए ज़रूरी नवाचार और समायोजन सुनिश्चित करेंगे। हम बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग की समर्पित और सक्षम टीमों के साथ सहयोग के लिए भी बहुत उत्साहित हैं, जिन्होंने अब तक इस दिशा में अथक प्रयास किया है।”
उत्तर प्रदेश सरकार के साथ इस साझेदारी ने अब एम्बाईब की पहुंच को पूरे भारत में 25 राज्यों के 104,464 स्कूलों तक बढ़ा दिया है, जिसमें 596,250 शिक्षक और 17,097,362 विद्यार्थी शामिल हैं।