बिजली मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पता चलता है कि देश में औद्योगिक गतिविधियां सुधर रही हैं और बिजली की वाणिज्यिक मांग बढ़ रही है। पिछले साल अप्रैल के पहले सप्ताह (एक से सात अप्रैल, 2020) के दौरान बिजली की खपत 19.33 अरब यूनिट रही थी।
वहीं अप्रैल के पहले सप्ताह के दौरान व्यस्त समय की बिजली की मांग (एक दिन में सबसे ऊंची आपूर्ति) पिछले साल की समान अवधि के 132.20 मेगावॉट से कहीं अधिक रही।
चालू महीने के पहले सप्ताह में सात अप्रैल, 2021 को व्यस्त समय की बिजली की मांग 181.05 मेगावॉट के उच्चस्तर पर पहुंच गई। यह पिछले साल अप्रैल में पूरे महीने में दर्ज 132.20 मेगावॉट से 27 प्रतिशत अधिक है।
पिछले साल अप्रैल में बिजली की मांग 2019 के समान महीने के 110.11 अरब यूनिट की तुलना में घटकर 84.55 अरब यूनिट पर आ गई थी। इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस की वजह से मार्च के आखिरी सप्ताह में लगाया गया लॉकडाउन था।
इसके साथ ही पिछले साल अप्रैल में व्यस्त समय की बिजली की मांग एक साल पहले के 176.81 मेगावॉट से घटकर 132.20 मेगावॉट रही थी।
विशेषज्ञों कहना है कि चालू महीने के पहले सप्ताह में बिजली की ऊंची मांग पिछले साल की समान अवधि के निचले आधार की वजह से है। हालांकि, इससे स्पष्ट तौर पर वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार का संकेत मिलता है।
हालांकि, इसके साथ ही विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होने से आगामी दिनों में बिजली की मांग में गिरावट आ सकती है।