नई दिल्ली। बंगाल विधानसभा चुनाव में पिछले हफ्ते नंदीग्राम में एक पोलिंग बूथ पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का आचरण संदेह के घेरे में है। चुनाव आयोग ने बूथ पर मतदान बाधित होने के उसके आरोपों को खारिज करते हुए संकेत दिया है। चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की हाथ से लिखी शिकायत को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ बताया है। साथ ही कहा कि ममता बनर्जी का पोलिंग बूथ पर व्यवहार से पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव की संभावना है।
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गुरुवार को नंदीग्राम में मतदान के दौरान मुख्यमंत्री (जिन्हें जेड-प्लस सुरक्षा मिली हुई है) भाजपा और तृणमूल समर्थकों के बीच तनाव में फंस गई थीं, उन्हें करीब दो घंटे तक एक कमरे में रहने पड़ा, बाद में उन्हें सुरक्षाबलों ने बाहर निकाला।
उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों का पालन कर रहा है। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा था कि उनकी पार्टी ने सुबह से 63 शिकायतें दर्ज करवाई है, लेकिन आयोग ने नजरअंदाज कर दिया। पोलिंग बूथ के बाहर व्हीलचेयर पर बैठीं ममता बनर्जी ने कहा था, ‘हम लोग इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे। यह स्वीकार नहीं है।
उन्होंने मौके से बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को कॉल करके वहां की हालात के बारे में बताया और कहा कि यह हालात चुनाव आयोग कानून-व्यवस्था संभाल नहीं पाया, जिसकी वजह से ऐसा हुआ।