बिलासपुर।एक तरफ छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की वोटिंग चल रही है वही दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में चुनावी सभा की। उन्होंने अपने भाषण में नोटबंदी, नक्सलवाद, विकास और कांग्रेस के घोषणा पत्र का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की वजह से मां-बेटे रुपयों की हेरा-फेरी कर जमानत पर घूम रहे हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने राहुल और सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा, ” वे नोटबंदी का हिसाब मांग रहे हैं, वे भूल गए कि नोटबंदी के चलते ही नकली कंपनियां बंद हुईं और आपका खेल सामने आया। आपको जमानत लेनी पड़ी।” गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी जमानत पर हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण का मतदान हो रहा है। जब तिथियां घोषित हुईं। कई का मत था कि दीवाली का त्यौहार है। चुनाव में गर्मी नहींं आएगी, कई पंडित एसी में बैठकर रणनीति तय कर रहे थे। जब मैं आया तो लोगों ने बताया कि मतदान को लेकर आमजन में भारी झुकाव है। मतदान करना, लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है। मैं कहता हूं कि मतदान करके नया रिकॉर्ड बनाना चाहिए। हर परिवार में संदेश जाना चाहिए। पहले मतदान फिर जलपान। पुरुषों और महिलाओं के बीच स्पर्धा होनी चाहिए कि कौन ज्यादा वोट डालता है? महिलाओं को पुरुषों को पीछे छोड़ना चाहिए।
नक्सलवाद पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, “मतदान करना लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है। मुझे विश्वास है कि बम, बंदूक और पिस्तौल का दम दिखाने वालों को लोकतंत्र की ताकत जवाब दे करके रहेगी। हमारे विरोधी दलों को अभी तक समझ नहीं आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ मुकाबला कैसे करें?” उन्होंने आगे कहा कि “कांग्रेस पार्टी की पूरी की पूरी राजनीति एक परिवार से शुरू होकर उसी परिवार में आकर पूरी हो जाती है और हमारी राजनीति गरीब की झोपड़ी से शुरू होती है, गरीब की जिन्दगी को बदलकर रहे बिना चैन से सोना नहीं इस इरादे से आगे चलती है।
इसके बाद उन्होंने कहा कि ,”हमारे विरोधी दलों को अभी तक समझ नहीं आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ मुकाबला कैसे करें? क्योंकि हमारी पार्टी बहुत आगे निकल गई है। हम विकास की बात करते हैं।छत्तीसगढ़ की सेवा करने का हमें बार-बार मौका मिला है। इसका एक कारण है कि यहां की जनता और सरकार के बीच में संगठन के कार्यकर्ताओं की मजबूत कड़ी है। सभी मिलकर राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं।एक परिवार के तीसरी पीढ़ी के प्रधानमंत्री (उनका इशारा राजीव गांधी थे) ने कहा था कि दिल्ली से 100 पैसा निकलता है, लेकिन जमीन तक 15 पैसा पहुंचता है। इसे कौन सा पंजा खा जाता था? पता नहीं। नोटबंदी ने 85 पैसों को बाहर ला दिया। जो पैसा उनके पिताजी कह गए वो नोटबंदी ने बाहर निकाल दिया।”