लखनऊ: इंसान की हालत और उसके हुलिये से आप उसकी नीयत और हैसियत का अंदाज़ा नहीं लगा सकते। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक ऐसी महिला (Woman) ने मंदिर में एक लाख रुपये (1 Lakh) का दान दिया है, जो उसी मंदिर के सामने भीख मांगा करती थी। उन्होंने लोगों से सालों तक अन्नदान के लिए भीख मांगी और फिर ये रकम मंदिर को दान कर दी। कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी ज़िले (Udupi District) के कांचीगूडु गांव की रहने वाली अश्वाथामा नाम की महिला ने त्यौहारों के वक्त मंदिर के बाहर भीख मांगना शुरू किया।
पिछले 18 साल से वो ऐसा कर रही हैं और अपनी जुटाई गई रकम को मंदिरों में दान करती हैं। उन्होंने इस बाद बांटवाल में मौजूद राजराजेश्वरी मंदिर में अपनी जुटाई हुई 1 लाख की रकम डोनेट की है। अश्वाथामा नाम की महिला ने अपने पति की मौत के बाद मजबूरी में भीख मांगना शुरू किया था। पिछले 18 साल से वे ऐसा ही कर रही हैं।
पैसे समाज को ही वापस देती हैं
इस तरह से मिलने वाले पैसे से वे अपने लिए थोड़ी सी रकम रखती हैं और बाकी के पैसे बैंक में जमा कर देती हैं। यही पैसा जब लाख रुपये तक पहुंचता है तो वे इसे दान कर देती हैं। रिपोर्ट के मुतबिक राजराजेश्वरी मंदिर के अधिकारी बताते हैं कि ये उनका आभार जताने का तरीका है। वहीं अश्वाथामा के मुताबिक वे समाज के दिए हुए पैसे समाज को ही वापस देती हैं और उनकी प्रार्थना है कि कोई भी भूखा नहीं रहे।
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पहले भी कर चुकी हैं मंदिरों में दान
ऐसा नहीं है कि 80 साल की बुजुर्ग महिला अश्वाथामा ने मंदिर को दान दिया है, इससे पहले भी वो ऐसा करती रहीं हैं। उन्होंने इससे पहले सालिग्राम में मौजूद श्री गरुणसिम्हा मंदिर को एक लाख रुपये का दान दिया था, जबकि पोलोइ में श्री अखिलेश्वरा मंदिर में डेढ़ लाख रुपये का दान अय्यप्पा के भक्तों को दिया था। उन्होंने गैंगोली में एक मंदिर को करीब लाख लोगों का अन्नदान भी दिया था। इतना ही नहीं उडुपी और दक्षिण कन्नड़ में मौजूद अनाथाश्रमों में भी वे दान देती हैं।