मुंबई। शनिवार सुबह एनसीपी प्रमुख के भतीजे अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन देकर महाराष्ट्र में सरकार तो बना ली, लेकिन शाम होते होते तस्वीर बदलने लगी है। दावा किया जा रहा है कि जब सुबह अजित पवार जब डिप्टी सीएम की शपथ ले रहे थे। तो उनके साथ वहां एनसीपी के 11 विधायक मौजूद थे।
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खबर लिखे जाने तक शरद पवार की बैठक में उनमें से आठ विधायक शरीक होने पहुंच गए हैं। कुल 48 विधायक मीटिंग में पहुंच चुके थे। एनसीपी के पास कुल 54 विधायक हैं। सबसे बड़ी बात ये कि खुद धनंजय मुंडे भी शरद पवार की बैठक में पहुंचे है। ये अहम इसलिए है कि ऐसा कहा जा रहा था कि धनंजय मुंडे, अजित पवार के खेमे के हैं।
जानें कौन विधायक वापस लौटे?
सुनील शेलके, संदीप क्षीरसागर, राजेंद्र शिंगणे, सुनील भुसारा, माणिकराव कोकाटे, दिलीप बनकर, सुनील टिंगल और धनंजय मुंडे वापस लौट गए हैं।
शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी का समर्थन करने वाले एनसीपी विधायकों को यह बात पता होनी चाहिए कि उन पर दल बदल विरोधी कानून लागू होगा। पवार ने कहा कि बीजेपी के पास सरकार गठन के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है। हम शिवसेना के नेतृत्व में सरकार चाहते हैं, हम एकजुट हैं।
चौंकाने वाले इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शरद पवार ने ट्वीट और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ-साफ कहा कि अजित पवार का फैसला व्यक्तिगत है, फैसला पार्टी का नहीं है।